लुट रही हैं अस्मतें

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* लुट रही हैं अस्मतें, बचते अश्क शूल से,ज़िन्दगी की राह में, बिछ रहे बबूल से।कन्धे तोड़ के सभी, बोझ दिल में दे गये,ज़ख्म दिल…

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अदभुत प्रकृति

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************** ईश्वर की संरचना देखो कितनी अद्भुत कितनी प्यारी।कैसे-कैसे फूल खिलाये हर खुशबू है न्यारी न्यारी॥ सूरज-चाँद-सितारे, उसने खेल-खिलौने अज़ब बनाये,है आश्चर्य शून्य से नभ में, इन…

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मगरुर

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* हसींं भरपूर होते जा रहे हैं।मगर मगरुर होते जा रहे हैं। ज़रा मशहूर होते जा रहे हैं।नगर का नूर होते जा रहे हैं। बड़े…

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मोह-माया का संसार

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** इस दुनिया में रहना नहीं,हमें एक दिन तो जाना हैजाएगा साथ नहीं कुछ भी,फिर किसका ताना-बाना है। रहा बचपन में जब तक,सोंचा हर खिलौने मेरा…

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अनुराग

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* प्रेम करें हर जीव से, करें द्वेष का त्याग।सबमें आत्मा एक है, करो न इसके भाग॥ वैर भाव को छोड़कर, करें सभी अनुराग।जीवन चलता प्रेम से,…

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पुरूष बेचारा..!

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** औरत की पीड़ा तो सबने लिखी पर,जाने क्यों, पुरूष बेचारा बिसारा गया ?औरत पर दया कर लेते हैं सब कोई,गृहस्थी में पुरूष बेचारा मारा गया। जोरू…

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रच डाला इतिहास

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* तीन रंग की चुनरी,जननी की पहचान,हिमगिरि कहता है खड़ा,मैं हूँ तेरी शान।केसरिया बाना पहन,खड़े हज़ारों वीर-अधरों पर जयहिंद है,जन-गण-मन का गान॥ अमर जवाँ इस देश के,भरते…

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देशभक्ति

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* भारत माँ का लाल हूँ,दे सकता मैं जान,गाता हूँ मन-प्राण से,मैं इसका यशगान।आर्यभूमि जगमग धरा,बाँट रही उजियार-इसकी गरिमा,शान पर,मैं हर पल क़ुर्बान॥ भगतसिंह,आज़ाद का,अमर सदा बलिदान,ऐसे…

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दिल सजा दो सनम

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* ज़िन्दगी के रास्ते गुलजार कर दो तुम सनम।दिल सजा दो जान लेकर, क्या करेंगे हम सनम। शाम तन्हा कट गई है, रात तो सजकर…

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एक थी श्रद्धा…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** श्रद्धा हत्याकांड... एक थी श्रद्धा,माता-पिता दुलारी-गई भटक। रिश्ता भी धोखा,दिल टूटा श्रद्धा का-केवल पीड़ा। ना वो आजादी,माँ-बाप बिन शादी-गत श्रद्धा की। ना प्रेम पला,ना…

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