कल्पना की किश्ती

सच्चिदानंद किरणभागलपुर (बिहार)**************************************** कागज की किश्ती में,सफर को निकलेनौका-विहार कीमौज-मस्ती को,रिझाने मनोमन दिशा की ओरसूखी नदी के इस पार,उस पारदो अंतहीन किनारोंके बीच,अपनी सांत्वना की परिधि कोसंभालेदुधयारी चाँदनी संग,चाँद-सितारों सेबातें…

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इक-दूजे का बनें सहारा

मीरा सिंह ‘मीरा’बक्सर (बिहार)******************************* राम-राज... सबसे सुंदर राग इक प्यारा,बढ़े जगत में भाईचारामिलकर रहें सभी आपस में,इक दूजे का बनें सहारा। जीवन पथ के काँटे चुन लें,कुछ सुंदर से सपने…

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राम राज कब आएगा!

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** राम-राज... चहुंओर हाहाकार मचा है,राम राज अब कहाँ बचा है ?झूठ का पलड़ा हुआ है भारी,बेकसूर को मिल रही सजा है। दीपों से जग हुआ है रोशन,राघव…

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छठ पूजन दें अर्घ्य हम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* आदिदेव आदित्य अर्घ्य दूॅं, धन मन जन कल्याण जगत हो,पूजन दें छठ अर्घ्य साॅंझ हम, हरें पाप जग मनुज त्राण हो। राग द्वेष हर…

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तुम सब-कुछ हो

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* तुम सूरज की रोशनी नहीं,नहीं तुम चंदा की चाँदनी होपर तुम मुझे सबसे ज्यादा पसंद हो,तुम हिमालय से ऊँची नहींनहीं तुम सागर से हो…

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अवतार राष्ट्र धरोहर

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** है विभूतियाँ राष्ट्र धरोहर, क्यों इनको बपौती बनाते हैं ?आदर्श रखा सुविचार का, उसे अपनी कठौती जताते हैं। कल्मष भर मन में दल सारे,तीर नजर नरश्रेष्ठ निहारे…खुन्नस…

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थे आजादी के प्रथम सपूत

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** धरती छोटा नागपुर, उलिहतू वो गाँव,जन्म लिए बिरसा तो दिखा दिव्य प्रभावजैसे-जैसे बड़े हुए, देखा जीवन में अति अभाव,पहाड़ को चीरा, जंगल काटे, मिटाया खेती…

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न प्यार निभा सके

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* न मिला किसी से वो प्यार जो, ये दिले करार सजा सके।न सजे अगर तो मिटा रहे, जो यहाॅं न प्यार निभा सके। न दिखे…

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५ साल की राजनीति

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** पाँच साल अब हो चले, नेता की यह चाल।जन का पैसा लूटकर, होते मालामाल॥ रोड बनाते अब दिखे, जब है पास चुनाव।स्वार्थ सिद्ध की राह से,…

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रचनाकर

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* ईश सृष्टि से है बड़ा, कवि रचना संसार।इसमें बस आनंद है, कवि है रचनाकार॥ ईश्वर की इस सृष्टि में, षड रस का है मेल।कवि की रचना…

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