कल्पना की किश्ती
सच्चिदानंद किरणभागलपुर (बिहार)**************************************** कागज की किश्ती में,सफर को निकलेनौका-विहार कीमौज-मस्ती को,रिझाने मनोमन दिशा की ओरसूखी नदी के इस पार,उस पारदो अंतहीन किनारोंके बीच,अपनी सांत्वना की परिधि कोसंभालेदुधयारी चाँदनी संग,चाँद-सितारों सेबातें…