भूलना राह मत भलाई की

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)**************************************************** खूब सीरत से तुम बना रखना।आदमी साथ में भला रखना। याद वादे ज़रा ज़रा रखना।हाथ खाली न झुनझना रखना। भूलना राह मत भलाई की,ज़ह्न…

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मेरे अरमान

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*********************************************** न जाने क्यों मेरे अरमान सोने लगे हैं,मुश्किलों के दौर बेलगाम होने लगे हैं। खौफ के मन्जर नज़र आते हैं मुझको,न जाने क्यूं लोग बेईमान होने लगे…

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सभी दिलों की मुहब्बत…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** सभी दिलों की मुहब्बत,मैं दिल में रखता हूँ।दिलों में दर है खुदा का,सभी से कहता हूँ। ये एक देन है कुदरत की मैं यही…

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तो पत्थर जनाब हम भी हैं!

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** सवाल आप हैं गर तो जवाब हम भी हैं,हैं ईंट आप तो पत्थर जनाब हम भी हैं। शरीफ़ हम हैं शरीफ़ों के वास्ते साहब,जो हो खराब…

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करो ऐसी सियासत

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)**************************************************** अब करो ऐसी सियासत।हाथ अपने हो क़यादत। रोज़ करते जो मशक्कत।माँगते वो कब रियायत। जो नहीं करते हैं ख़िदमत।जब्त हो जाती ज़मानत। चार सू…

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आदमी की अब जरुरत नहीं

एल.सी.जैदिया ‘जैदि’बीकानेर (राजस्थान)************************************ आदमी को आदमी की,अब जरुरत नहीं है,मिलने की जरा-सी किसी को फुर्सत नहीं है। कितनी सीमित-सी हो गई है,दुनिया हमारी,सोचें हम जितना उतनी तो खूबसूरत नहीं है।…

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हिन्दी हर तरफ हो

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)**************************************************** अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस विशेष.... नये अब गुल खिलाना चाहती है।‌ये खुल कर मुस्कुराना चाहती है।‌‌दिलों में घर बनाना चाहती है।‌नहीं कोई ख़ज़ाना चाहती है।‌‌शिकायत…

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तब होश था कहाँ

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** रचना शिल्प:बहर-२१२२,२१२२,२१२२,२१२; क़ाफ़िया-आरी,रदीफ़-हुई तारी हुई तब होश हमको था कहाँ,ज़िन्दगी भारी हुई तब होश हमको था कहाँ। बेखुदी में यार कुछ भी सोच हम पाये नहीं,उनसे…

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सुर-ताल का उपहार दे गई

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)*************************************** सुरों की अमर 'लता' विशेष-श्रद्धांजलि.... गीतों का इस जहान को भंडार दे गयी।संगीत का हमको नया संसार दे गयी। 'दीदी' कहा समाज ने हिन्दोस्तान ने,लाखों नए…

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जिन्दगी

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** रचना शिल्प:१ २ २ १ २ २ १ २ २ १ २ २ गुजर कर रही जिन्दगी जिस डगर में,न हमराह कोई बने उस…

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