हिंदी का गुणगान करें

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** हिंदी ने सब कुछ सिखलाया,हिंदी का गुणगान करें, जिसने जना चंद जगनिक कवि,उसका हम सम्मान करें। खुसरो की ‘कह मुकरी’ जिसकी गोदी में मुस्काती हो- ऐसी पावन भाषा से नित,नूतन नवल विहान करें। हिंदी का गुणगान करें…॥ पद्मावत रच दिये जायसी,बीजक दास कबीर रचे, सागर सूर साख्य केशव सँग,राधारानी पीर … Read more

मौसमी उरतिया

विजयलक्ष्मी विभा  इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश) ********************************************************* सपनों से आज हुईं मनचाही बतिया, पता नहीं कौन पल बीत गयी रतिया। बरसाती मौसम की रिमझिम फुहारों से, खिड़की की जाली से छनती बौछारों से। तन-मन पर चुभती-सी रसभीनी सुइयां, जियरा को गुदगुदाय सतरंगी रुइया। न जाने ऐसे में उलझ गई मनुआ से, किसकी अनबूझी अनचीन्ही सुरतिया॥ रेशम के सपनों … Read more

मंज़िल को हम पाएंगे

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** नया काल है,नया साल है,गीत नया हम गाएंगे, करना है कुछ नवल-प्रबल अब,मंज़िल को हम पाएंगे। बीत गया जो,विस्मृत करके नव उत्साह जगाएंगे, सुखद पलों को स्मृति में रख कटुता को बिसराएंगे। नई ऊर्जा,नई दिशाएं,नव संकल्प सजाएंगे, करना है कुछ नवल-प्रबल अब,मंज़िल को हम पाएंगे॥ अंतर्मन में शुचिता लेकर, … Read more

जर्जर नौका गहन समंदर

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* मँझधारों में माँझी अटका, क्या तुम पार लगाओगी। जर्जर नौका गहन समंदर, सच बोलो कब आओगी। भावि समय संजोता माँझी, वर्तमान की तज छाया अपनों की उन्नति हित भूला, जो अपनी जर्जर काया क्या खोया,क्या पाया उसने, तुम ही तो बतलाओगी। जर्जर…ll भूल धरातल भौतिक सुविधा, भूख प्यास निद्रा भूलाl रही … Read more

‘कोरोना’ से हिंदुस्तान लड़ेगा…

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** जिस ‘कोरोना’ से घबराया भाई सकल जहान, उससे हिंदुस्तान लड़ेगा मेरा हिंदुस्तान। कोरोना के निशदिन भाई, लाखों गोले फूट रहे हैं। मरते लोग,उखड़तीं साँसें, फौलादी भी टूट रहे हैं। इंसानों के प्राणों पर है, इतना भारी संकट आया। कहता खुद को जो ताकतवर, वह अमरीका भी चकराया। जिस कोरोना … Read more

‘सामाजिक संबंध’ निभाएं

अख्तर अली शाह `अनन्त` नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. बहुत जरूरी हो तो ही हम, घर से बाहर जाएं यारों। ‘कोरोना’ को जीत,विजय का, घर-घर ध्वज लहराएं यारों॥ कोरोना के लक्षण हों तो, आइसोलेशन में हम जाएं। शंका पर भी क्वारेंटाइन, में रक्खें सबको सुख पाएं॥ सोशल डिस्टेंसिंग अपनाकर, कोरोना की चेन … Read more

शारदे विनय

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** करते हैं शारदे तुमको नमन, आ गए हैं तेरे दर पे रे हम। तुम्हारी इबादत है जीवन हमारा, कलम मेरी देखे रस्ता तुम्हारा… जो चाहती माँ करें वो सृजन। शब्दों के मोती हैं हृदय में जितने, जादू के खेले शब्दों के उतने… भाव सुमन से है रचना में दम। … Read more

मौसम को बदलने दो

रीता अरोड़ा ‘जय हिन्द हाथरसी’ दिल्ली(भारत) ************************************************************ पैरोडी (श्रृंगार रस)……………… तुम्हें शब्दों में सजा लूँगी- तुम्हें शब्दों में सजा लूँगी। मौसम को बदलने दो- मौसम को बदलने दो…। चलेंगी जब ठंडी हवाएँ, बागों में हम-तुम जाएंगे। हाथों में हाथ पकड़कर, नाचेंगे,झूमेंगे,गाएंगे। देखे जो संग सपने, सब सच कर आएँगे। कब ? मौसम को बदलने दो- … Read more

अच्छा अपना गाँव रे…

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़र देवास (मध्यप्रदेश) ****************************************************************************** शहर की हलचल,भागदौड़ से, अच्छा अपना गाँव रे…। सुकूँ जहाँ मिलता है दिल को, प्यारा ऐसा ठाँव रे…। शहर की हलचल… कल-कल करती बहती नदियाँ, खेतों में हरियाली रहती। गाँवों में खुशियाँ होती है, मीठी धुन में कोयल में कहती। याद बहुत आती अब हमको, वो पीपल की छाँव … Read more

हो गया सूना जहां…

विजयलक्ष्मी विभा  इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश) ********************************************************* पुत्र अमरेश के स्वर्गवास पर रचित……….. हाय अब मैं क्या करूँ, अब क्या रखा जग में यहाँ…। भीड़ में भी एक पल में, हो गया सूना जहां॥ तू विलग हो गया तन से, आत्मा मौजूद है। मैं विलग हूँ आत्मा से, तन यहां महफूज है। यह विषमता चीरती दिल, तू मिलेगा … Read more