कैसे खेलें होली…

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* होनी थी जो वो तो होली,कैसे खेलें फाग होली, गिरगिट रंग लेकर सभी दल खेल रहे हैं आज होली। रक्त रंजित वीर अरि से खेल…

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फाग

सौदामिनी खरे दामिनी रायसेन(मध्यप्रदेश) ****************************************************** होली के रंग सुहाने लगे, जबसे श्याम ख़्वाबों में आने लगे। रंग रंगीली होली आई, प्यारे श्याम की पाती आई। रंग अबीर की होली आई, बरसाने…

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प्यार लाया हूँ

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** जमाने की दुआओं का तोहफा साथ लाया हूँ, कोई रंजो-रश्को गम नहीं, दुनिया का प्यार लाया हूँ। गुजरे वक्त में, दर्द दिल को खुशियाँ…

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कुदरत से ही खेल रहे…

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** कैसे-कैसे हुए प्रदूषण,कैसे हम सब झेल रहे हैं, निजी स्वार्थ में जाने क्यूँ हम,कुदरत से ही खेल रहे हैं। वायु प्रदूषण देखा हमने,और प्रदूषित जल…

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बचपन

हरीश बिष्ट अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड) ******************************************************************************** बचपन तो बचपन ही था, बचपन को जाना था कब। जब रखा कदम जवानी में, बचपन को समझा है अब॥ बचपन को समझा है अब,…

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जीवन को आसान किया है

डॉ.गोपाल कृष्‍ण भट्ट ‘आकुल’  महापुरा(राजस्‍थान) *************************************************************************************** नारी ने पुरुषों के जीवन को,आसान किया है, जीवन रूपी हवन कुण्‍ड में नित बलिदान किया है। नारी ने पुरुषों के जीवन को...॥ इतिहास…

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सरस्वती वंदना

दीपेश पालीवाल ‘गूगल’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************** जय हो माँ शारदे माँ मेरी शारदे, हर ले मन के तिमिर को,मुझे ज्ञान दे...। कामना मेरी इतनी सी है मेरी माँ, सत्य को…

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मैं बिटिया

दीपा पन्त शीतल बीकानेर(राजस्थान) *************************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… मैं बाबा की प्यारी,माँ की दुलारी, छोटी-सी अंगना में खेलूं। कलाई में भइया की राखी बनूँ, देहरी में दिए की…

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नारी नारी से हारी है

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… नारी से हारी नारी है, यह कैसी लाचारी है। दहेज परहेज की बात सदा, करती केवल नारी है। अत्याचारों की…

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वतन की ख़ुशबू

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’  छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************************************* मुझको भाती है सदा अपने वतन की ख़ुशबू, जिसपे क़ुर्बान है हर एक चमन की ख़ुशबू। पाक के टुकड़े किये देश नया…

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