स्वभाषाओं का स्वागत लेकिन….?

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* यह खुश खबर है कि देश के ८ राज्यों के १४ अभियांत्रिकी महाविद्यालयों इंजीनियरिंग में अब पढ़ाई का माध्यम उनकी अपनी भाषाएँ होंगी। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति…

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बाढ़,सामाजिक संचार और उम्मीदों का ‘एयरलिफ्ट’ होना…!

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ****************************************** इसे कहते हैं कुदरत की मार। आज से करीब १५ दिन पहले तक तमाम मप्र वासी इंद्र देवता को रिझाने के लिए पूजा-पाठ और टोने-टोटके में लग…

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पूर्वोत्तर राज्यों में गृह युद्ध की आशंका!

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)************************************** भाई जैसा दोस्त नहीं और भाई जैसा दुश्मन नहीं,इसके जीते-जागते उदाहरण रामायण काल,महाभारत काल से लेकर यह नियति निश्चित है। हमारे देश में विभाजन के बाद जो स्थिति…

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मित्रता

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* मित्रता की अजब कहानी है,थोड़ी-सी भी आहट पाकर दुख की घड़ी में मित्र तुरन्त चले जाते हैं।'मित्र' शब्द केवल नाम का नहीं है,मित्र ही तो हैं…

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विश्व-संस्था में भारत को नया मौका

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद ऐसी संस्था है, जो सबसे शक्तिशाली है। इसके ५ सदस्य स्थायी हैं-अमेरिका,ब्रिटेन,फ्रांस,रूस और चीन। इन पांचों सदस्यों को 'वीटो' का अधिकार…

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सबके दाता राम

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** यदि आपकी सर्वशक्तिमान प्रभु के प्रति अटूट आस्था है और आप समर्पित हैं तो आप यह मान कर चलें कि आपको मनोवांछित फल वे अवश्यमेव प्रदान…

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जातिगत आरक्षण का खेल घातक

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** आज जहां देश को 'सबका साथ,सबका विकास और सबका विश्वास' वाली राजनीतिक व्यवस्था की महती आवश्यकता है,एवं जाति,पंथ,मजहब आधारित चली आ रही पद्धति के खात्मे की जरूरत…

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स्वार्थ से विरत होकर ही सुखमय जीवन की कल्पना संभव

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************** आज के भौतिकवादी जिजीविषा के दलदल में फंसी भागम-भाग की जिंदगी में एक यह यक्ष प्रश्न बनकर खड़ा है कि 'पारिवारिक जीवन कैसे सुखमय…

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क्रांतिकारी उपन्यासकार रहे मुंशी प्रेमचंद जी

गोपाल चन्द्र मुखर्जीबिलासपुर (छत्तीसगढ़)****************************************** स्वत्रंत्रता के सेनानी व उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद जी के जयंती दिवस पर सुमन श्रद्धांजलि अर्पण।भारत की स्वतंत्रता केवल बन्दूक की नाल या अग्निगोला या अनशन से…

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वास्तव में अत्यंत निंदनीय

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)****************************************** मुद्दा-ऑक्सीजन की कमी कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है कि,महाभारत काल बहुत विकसित रहा। कारण संजय ने अपने राजा को युद्ध की सब घटनाएं नित्य प्रति सुनाई…

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