क्या यह भी प्रेम ?

सोमा सिंह ‘विशेष’ गाजियाबाद(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************** रसोईघर में एक चूहा इधर कुछ दिन से रोज ही नजर आ जाता है। सारे जतन करके हार गई,पतिदेव ने एक दो बार उसे भगाने…

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तुम्हारे बिना कैसे बीता साल,किसे सुनाएं दिल का हाल…

कीर्ति राणा इंदौर(मध्यप्रदेश) ************************************************ वही चौराहे,वही गलियां,वही संगीत की महफिलें,वही भंडारे,वही भजन संध्या के आयोजन,वही शादी समारोह, शवयात्रा-उठावने,चाय की चर्चा वाले वही सारे ठीये और वही शहर...। बस कमी है…

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भ्रष्टाचारी की मृत्यु

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* वह शराब पीकर बीच सड़क में गिरा हुआ था। राहगीर उसे घृणा की दृष्टि से देख कर आगे बढ़ रहे थे। उसकी…

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शेरू का पुनर्जन्म…!

तारकेश कुमार ओझा खड़गपुर(प. बंगाल ) ********************************************************** कुत्ते तब भी पाले जाते थे,लेकिन विदेशी नस्ल के नहीं। ज्यादातर कुत्ते आवारा ही होते थे,जिन्हें अब `स्ट्रीट डॉग` कहा जाता है। गली-…

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दिलदार दोस्त और बेहतरीन परिवार

अजय जैन ‘विकल्प’ इंदौर(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** दोस्तों,बड़े दिनों क्या,लंबे अंतराल के बाद इस बार छुट्टी यानि सफर का दिलकश मजा उठाया है..जिसमें 'फेसबुक फ्रेंड' ने ऐसी दोस्ती निभाई कि,रिश्तेदार को पीछे…

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अपराधबोध

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** ‘बड़े दिन की छुट्टी’ स्पर्धा  विशेष……… तब मैं कक्षा दस का विद्यार्थी था। बोर्ड की परीक्षा थी,इसलिए बड़े दिन की छुट्टियां होने के उपरांत…

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शांति निकेतन

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** भाग -९............ ओडिसा की राजधानी भुवनेश्वर चतुर्दिक मंदिरों से घिरा होने के मंदिरों का नगर कहलाता है। अपनी समृद्ध पुरातन संस्कृति के कारण इसकी…

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शांति निकेतन

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** भाग-८.......... `शांति निकेतन` यात्रा और कंकालितला मंदिर के दर्शन के बाद अगला लक्ष्य भुवनेश्वर का था,जहां के कई प्रमुख स्थल हमारी जिज्ञासा के केन्द्र…

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अचानक ही बने थे इंदर गुजराल प्रधानमन्त्री

डॉ. वेदप्रताप वैदिक ********************************************************************* इंदर गुजराल आज जिंदा होते तो हम उनका सौंवा जन्मदिन मनाते। वे मेरे घनिष्ट मित्र थे। भारत के प्रधानमंत्री रहे,सूचना मंत्री रहे और मुझे याद पड़ता…

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शांति निकेतन

  डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** भाग-७...... बोलपुर में शांति निकेतन,विश्वभारती और सृजनी शिल्पग्राम के भ्रमण के बाद हमारा अगला लक्ष्य कंकालितला मंदिर के दर्शन का था...l माँ काली…

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