कीर्तिशेषःयुग निर्माता स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरिजी

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** अध्यात्म,चेतना के प्रतीक भारतमाता मन्दिर के प्रतिष्ठापक ब्रम्हानिष्ठ स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि जी महाराज वर्तमान युग के विवेकानन्द थे। २६ वर्ष की अल्प आयु में ही शंकराचार्य पद पर सुशोभित हुए और दीन-दुखी,गिरिवासी, वनवासी,हरिजनों की सेवा और साम्प्रदायिक मतभेदों को दूर कर समन्वय,भावना का विश्व में प्रसार करने के लिए सनातन … Read more

आस्था का केन्द्र गुरुग्राम का शीतला माता मंदिर

डॉ.चंद्रदत्त शर्मा ‘चंद्रकवि’ रोहतक (हरियाणा) ******************************************************* हमारे देश भारत में धर्म और आस्था का सदा ही वर्चस्व रहा है। यहां कण-कण में ईश्वर की अनुभूति की जाती है। यहां पर जब भी मानव जाति को महासंकट ने घेरा,तो कोई न कोई देवात्मा अवतरित हुई और धर्म की स्थापना की। देवताओं की पावन भूमि भारत में … Read more

जलसंकट के दौर में याद आया ‘राखुंडा’

राकेश सैन जालंधर(पंजाब) ***************************************************************** ‘राखुंडा नई पीढ़ी के लिए शायद नया शब्द हो,परंतु दक्षिणी पंजाब,हरियाणा व राजस्थान में दो दशक पहले तक यह जीवन का हिस्सा था। ‘राख’ और ‘कुंड’ शब्दों की संधि से बना ‘राखकुंड’ शब्द घिस-घिसकर ‘राखुंडा’ बना होगा शायद। घर में बर्तन-कासन मांजने वाला स्थान था राखुंडा,जहां जरुरत अनुसार गड्ढे या बर्तन … Read more

अनुशासित जीवन जीने की कला है योग

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** अंतरराष्ट्रीय योग दिवस विशेष……………. स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और सजग बनाने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र द्वारा योग को हर वर्ष २१ जून को अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई। ११ दिसंबर २०१४ को संयुक्त राष्ट्र द्वारा २१ जून को विश्व योग दिवस घोषित किया गया। वैसे … Read more

परिवार का महत्व समझिए

राज कुमार चंद्रा ‘राज’ जान्जगीर चाम्पा(छत्तीसगढ़) *************************************************************************** वर्तमान समय में परिवारों की जो स्थिति हो गयी है,वह अवश्य चिन्तनीय है। घरों में आज सुनाने को सब तैयार हैं मगर कोई सुनने को राजी नहीं। रिश्तों की मजबूती के लिये हमें सुनाने की ही नहीं, अपितु सुनने की आदत भी डालनी पड़ेगी। माना कि आप सही … Read more

बहुत जरुरी है स्वच्छ नौकरशाही अभियान

राकेश सैन जालंधर(पंजाब) ***************************************************************** केन्द्र सरकार ने जिस तरीके से भ्रष्ट अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाया,उससे साफ संकेत मिले हैं कि पहले कार्यकाल में सफलतापूर्वक स्वच्छ भारत अभियान चलाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दूसरा कार्यकाल नौकरशाही में स्वच्छता लाने वाला होगा। पहले १२ वरिष्ठ वित्त अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाने के बाद … Read more

प्रगति रोकना है परिवर्तन ना स्वीकारना

अलका जैन इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************** जीवन का पहला सबक होना चाहिए परिवर्तन में आस्था काl यह बुनियादी पाठ है। न काम पर काबू से का न कोध पर काबू पाने का,जीवन का धर्म होना चाहिए,परिवर्तन में अटूट आस्था का। हालांकि,परिवर्तन को मन कभी सहज रुप से स्वीकार नहीं करता हैl मन भागता है परिवर्तन से दूर,परे,जबकि … Read more

ऊर्जा और शक्ति का उपयोग सही दिशा में कीजिए

सत्यम सिंह बघेल लखनऊ (उत्तरप्रदेश) *********************************************************** संसार में ऐसी कोई भी वस्तु नहीं,जिसकी प्राप्ति मनुष्य के लिए असम्भव हो। प्रयत्न और पुरुषार्थ से सभी कुछ पाया जा सकता है,किन्तु हम अपनी अधिकांश शक्ति तथा ऊर्जा को व्यर्थ की बातों और कामों में गवां देते हैं, जबकि हम अपनी ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग करके … Read more

अलीगढ़ काण्ड अमानवीयता की चरमोत्कर्ष घटना

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** इस देश में जितनी गंगा- जमुनी तहज़ीब की प्रशंसा और दुहाई दी जाती है,और उसके विपरीत कृत्य होते हैं तो इसका क्या आशय हो सकता है ? एक क्षण की भूल जिंदगीभर के लिए गुनहगार बना देती है। कहते हैं कि रमजान का महीना बड़ा साक-पाक माना जाता है,जिस दौरान कोई … Read more

ईश्वर की तलाश खुद में करें

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* परमात्मा को अनेक रूपों में पूजा जाता है। कोई ईश्वर की आराधना मूर्ति रूप में करता है,कोई अग्नि रूप में तो कोई निराकार! परमात्मा के बारे में सभी की अवधारणाएं भिन्न हैं, लेकिन ईश्वर व्यक्ति के हृदय में शक्ति स्रोत और पथ-प्रदर्शक के रूप में बसा है। जैसे दही मथने से … Read more