‘पराकाष्ठा’
शिवनाथ सिंहलखनऊ(उत्तर प्रदेश)**************************************** मानवी और रमणीक को हवनकुंड के चारों ओर सात फेरे लिए हुए अभी कुछ ही दिन बीते थे कि,एक दिन रमणीक ने मानवी से कहा-‘मानवी, आज रात को हमें एक पार्टी में चलना है इसलिए तुम अपनी तैयारी पूरी करके रखना और यदि ठीक समझो तो अपनी शादी वाली पोशाक ही पहन … Read more