गणपति

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* विघ्नहर्ता गजानंद विशेष... हे शुभगुणकाननगजकर्ण गजाननशोभित भाल मयंकसब पे कृपा करो॥ जय मूषकवाहनजय विघ्नविनाशनगणपति विनायककष्ट सबके हरो॥ हे शुभ प्रथमेश्वरअवनीश सुरेश्वरजय महागणपतिपार भव से करो॥ गौरीसुत…

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वृक्ष लगाएं

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** ज्यों पालते बच्चे को हैं इसको भी पालिये,और प्यार-मुहब्बत की इसमें खाद डालिए। होकर बड़ा ये काम हमारे ही आयेगा,खाने को देगा फल ये ज़िन्दगी बचायेगा।प्राणवायु…

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आईना था, बिखर गया

एल.सी.जैदिया ‘जैदि’बीकानेर (राजस्थान)************************************ आईना था, टूट कर जो बिखर गया,पता नही, कतरा-कतरा किधर गया। सदा सच दिखाया हयात का हमको,किस दशा में है, न देकर खबर गया। रहा सच बोलता…

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शब्दों को अधरों पर…

संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** शब्दों को अधरों पर रखामनमुग्ध, चित्त शांत रखा,धरी मुस्कान एक मीठी-सीले हाथों में उसके हाथ को रखा। शब्द स्वर कहीं गुम थे मेरेजब चेहरे को सामने रखा,भाव…

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विरह

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* व्यतीत हो गया दिन,दिन का राजापश्चिम में जाकर,अंतिम और लालसाभरी दृष्टि से,दृष्टिपात करता हुआओझल हो गया,अंधेरा छाने लगासफेद प्रकाश पड़ने लगा,सांयकाल हुआ नहींपर हो रहा…

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तकल्लुफ़ भी तो किया करो

वंदना जैनमुम्बई(महाराष्ट्र)************************************ ख्वाबों में आकर हमे जगाते हो रोज,वस्ल का तकल्लुफ़ भी तो किया करो। ढूंढते हैं छत ये पनाह-गुज़ीन तुम्हीं में,कभी इश्क़ की छांव भी तो किया करो। मरते…

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मैं क्यों न ढहूँ..! बताओ

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** मैं क्यों न ढहूँ ? मुझे बताओ, सब कुछ कुरेदा मुझसे तुमने,अंधा विकास कर चले हो तुम, सुरंग भी छेदा मुझसे तुमने। मैं रोया या हँसा,…

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प्यार का नुस्खा

  मुकेश कुमार मोदीबीकानेर (राजस्थान)**************************************** खुश रहो इतने कि गम का ना रहे ठिकाना,खामोशी बोल उठे गाओ ऐसा कोई तराना। वक्त-बेवक्त सभी के बनते जाओ मददगार,अपनी जिन्दगी का सफर बना…

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घर-आँगन सुरभित हो जाए

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** बूंदें पड़ी सुहाना मौसम,सुमन कली मुखरित हो जाएसौंधी गंध लिए आ जाओ,घर-आँगन सुरभित हो जाए…। व्याप रहा गहरा कर विरहा,उत्साह छिपा नीर बहाएनिर्विकार निश्छल हिया में,तेरी आकृति…

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करनी होगी सुरक्षा

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** डरी-डरी सी दहशत भरी ज़िन्दगी,पग-पग सी आहट भरी ज़िन्दगीमुड़-मुड़ सी पलट भरी जिन्दगी,सुनसान राहों पर दबोची जिन्दगी। हैवानियत से सनी जा रही जिन्दगी,हर चौराहे पर अब चीख…

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