धर्म की आराधना

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* उपवास और आराधना (पर्यूषण पर्व विशेष).... परि अर्थ है चहुँओर से,उषण है धर्म की आराधनाभाद्र मास आया पर्यूषण पर्व,उपवास तप त्याग साधना। महावीर स्वामी का…

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यादें

अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)************************************** यादें यूँ ही नहीं आती है,पल जो गुजारे थे हमनेअच्छा लगता है मन को,बार बार याद करता है। यादें तो हमारी साथी है,जो सदा साथ देती हैवैसे भी…

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जीवन की बगिया

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************* जीवन की बगिया को यारों,रखना हरदम हरियाली।फूल खिलेंगे रंग-बिरंगे,आएगी फिर खुशहाली॥ प्रेम प्यार से इसे सींचना,कभी न मुरझाने पाये।पतझड़ का मौसम आये भी,ये बहार बनकर…

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नया इतिहास बना दूं

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** रोजमर्रा की जिंदगी से,ऊब गया हूँअब कुछ नया करने की,सोच रहा हूँ। सोच रहा हूँ गरीबों के लिए,कुछ दान करूँघर आए भिखारी का,सम्मान करूँ। अनपढ़ और अनाथ…

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रहो निर्भीक

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* दुनिया से डरकर नहीं, बेचा कभी ज़मीर।जन गण मन की पीर को, खुलकर कहा कबीर॥ अंधभक्त सब मिल करें, इस मैटर पर शोध।मँहगाई का…

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भारत का यशगान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* शोभित,सुरभित,तेजमय,पावन अरु अभिराम।राष्ट्र हमारा मान है,लिए उच्च आयाम॥ राष्ट्र-वंदना मैं करूँ,करता हूँ यशगान।अनुपमेय,उत्कृष्ट है,भारत देश महान॥ नदियाँ,पर्वत,खेत,वन,सागर अरु मैदान।नैसर्गिक सौंदर्यमय,मेरा हिंदुस्तान॥ लिए एकता अति मधुर,गीता और…

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बन एक राष्ट्र मंगलमय हो

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************** पुर्ज़ा मत कर राष्ट्रधर्म पथ, रख अखंड भारत जन- मन हो,समरसता नैतिकता जीवन, शान्ति खुशी मुस्कान वतन हो। जाति धर्म भाषा क्षेत्र भेद, मानवता…

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अन्तर्मन परख ले

मुकेश कुमार मोदीबीकानेर (राजस्थान)**************************************** समझे या ना समझे कोई, खुद को तू समझ ले,गुण-अवगुण कितने तुझमें, अन्तर्मन परख ले। जानेगा जब खुद को, तब ईश्वर को पहचानेगा,हर इच्छा होगी पूरी,…

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भोला हर लें शोक

बबीता प्रजापति ‘वाणी’झाँसी (उत्तरप्रदेश)****************************************** सबके प्रिय भोले (शिवरात्रि विशेष)... न रहें वो महल अटारीन ही कोई लोक,कैलाश के जो हैं वासीभोला हर लें शोक। औघड़दानी उदार अपारलंका कर दी दान,दुखियों…

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क्या नहीं है ज़िंदगी में

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ नफरतों की आंधियाँ है, प्यार का मौसम भी है,क्या नहीं है ज़िंदगी में, साज है सरगम भी है। हर मुसाफिर है अकेला, हमसफर कोई नहीं,रास्ते की दोस्ती है,…

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