हमें चाहिए भाईचारा

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** दान दहेज कुप्रथा तजकर,ही बच्चों की शादी हो। हम दो और हमारे दो हों,छोटी-सी आबादी हो। राह कठिन हो और हौंसला पत्थर-सा फौलादी हो- हमें…

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मुमकिन

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** वक्त के साथ ही चलते रहना। कदम-कदम कर बढ़ते रहना। लक्ष्य अगर पाना है मुमकिन- तो जज्बा से बढ़ते रहनाll हिम्मत रख कर बढ़ने वाले।…

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दौलत और मुहब्बत

पंकज भूषण पाठक ‘प्रियम’ बसखारो(झारखंड) *************************************************************************** किसी का दिल नहीं तौलो,कभी धन और दौलत में, नहीं औकात सिक्कों में...खरीदे दिल तिजारत में। नहीं बाज़ार में मिलता,...नहीं दिल खेत में उगता-…

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शिक्षक की महिमा..

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** वे ऐसा काम करते हैं सभी गुणगान करते हैं, हमें अमरित पिला कर खुद जो अमरित पान करते हैं, कि उनके पाँव अक्सर शब्द…

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कृष्ण

मोहित जागेटिया भीलवाड़ा(राजस्थान) ************************************************************************** वो सुंदर सलोना प्यारा श्याम है। ब्रज में रहता उसका ही धाम है। वो गोकुल की गलियां भी उसकी है, मोहन,राधे कृष्ण उसका ही नाम है।…

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माँ

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* माँ तेरा प्यार सरसता देता। जो दु:ख को नीरस कर देता। आते ही स्मरण माँ तुम्हारा- जग के दारुण दु:ख हर लेता। कैसे तेरा प्यार…

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गुलशन

मोहित जागेटिया भीलवाड़ा(राजस्थान) ************************************************************************** महका-महका वो ये गुलशन है। जहाँ फूल खिल जायें वो मन है। जहाँ फूल खिलते खुशबू आती, मेरा दिल का आंगन उपवन है। गंध की फिजाओं…

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हम सब योग अपनाएं

मोहित जागेटिया भीलवाड़ा(राजस्थान) ************************************************************************** अंतरराष्ट्रीय योग दिवस विशेष……………. आओ भारत की संस्कृति का गौरव गान करें। ऋषि-मुनियों की इस परम्परा का बखान करें। योग को पूरी दुनिया ने अब अपना…

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शरण न जाने कहां पाए तन…

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी दिवस विशेष……….. जीवन का यह कटु परिवर्तन, विवशता कर रही नग्न नर्तन। सब-कुछ ना चाह कर भी त्यागा, और त्यागे सब घर के…

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संस्कार के बीज

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** दर्पण कितने बदले तुमने,चेहरे को तुम बदल न पाए। नेेह-स्नेह के भाव कहो क्यूँ,अब तक तुममें मचल न पाए। चाँद-सा चेहरा भोली सूरत,दर्शन में बड़े…

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