साजन को संदेश पहुंचाना

डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** पवन वेग से उड़ के जाना,साजन को संदेश पहुँचानापपीहा तुझे मेरी उमर लगे,पपीहा तुझे मेरी उमर लगे। पूछ जरा तो, उनसे जाए, क्या मेरी उन्हें, याद न…

0 Comments

जब भी बुलाओगे, मैं आऊंगा…

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** गजानन जी,अपने भक्तों की सेवा, भक्ति और प्रेम से प्रमुदित…अधर में मधुर मंद स्मित लिए…आज जा रहे अपने लोक।सुख-समृद्धि का आशीष दे कर,एक वचन साथ तुम जब…

0 Comments

हकीकत की संवेदनशीलता

डॉ.अशोकपटना(बिहार)*********************************** आँकड़ों से उलझने से,जरूरी सत्य की तलाश हैमुश्किल वक्त पर कन्धे से कन्धा,मिलाकर चलना हीसच्चा और उत्कृष्ट प्रयास है। हकीकत आज़ जानने की,पहली आवश्यकता हैसच्चाई और ईमानदारी से,रास्ते निकालने…

0 Comments

सच्चे सुख का आनन्द

मुकेश कुमार मोदीबीकानेर (राजस्थान)**************************************** प्रश्न पूछा ये खुद से, जीवन में दु:ख क्यों आता!सुख आकर भी फिर से, कहां गायब हो जाता। किसी अमीर को देखकर, मन में आया विचार,कुछ…

0 Comments

बनो जीवन नैया पतवार

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** रचनाशिल्प:मात्रिक छंद वर्ण १६-१६=३२... बहुत ही प्यारा है परिवार,भरा-पूरा है घर-संसारबुजुर्गों की है इस पर छाँव,पिता खेते हैं घर की नावतुम्हीं अब हो सबके आधार,बनो जीवन…

0 Comments

ज्ञान अनमोल खजाना

डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** ज्ञान एक अनमोल खजाना,जो लिखना-पढ़ना सिखाएजितना दान करो ये खजाना,उतना ही बढ़ता ये जाए। ज्ञान ज्योति से प्रज्वलितमन, अन्धियारा दूर भगाएसत्य असत्य का भेद बता,जीवन-राह सुगम बनाए।…

0 Comments

क्या है यह प्रेम

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* कोई बता दे, क्या है यह प्रेम-प्यार,क्यों दुनिया इसके पीछे है बेकरारकाहे को दिल देता है, दिल लेता है,दिल के पीछे पागल हो के रोता है।…

0 Comments

सेवा ही ईश्वर समझो

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************** भगवान सबकी आत्मा हैं,छल स्वार्थ मद खात्मा समझोभज तन मन वचन पुरुषार्थ है,परपीड़न बस सेवा समझो। पहचान स्वयं कर्त्तव्य है,प्राणी मात्र आत्मा समझोबस राष्ट्र…

0 Comments

नदियाँ कराह रही

डॉ.अशोकपटना(बिहार)*********************************** यह दरिंदगी प्रकृति प्रेम पर,तगड़ा व मजबूत प्रहार हैजनमानस में लगता है,एक भीतरघात सा खेल सा दृश्य,सम्बल और आक्रामक प्रहार है। नदि आज़ दुःखी हैं,बड़े दुखी मन से उसकाक्रंदन…

0 Comments

रक्तदान जीवनदान

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** रक्तदान महादान है,ये पुण्य काम कर लीजिएमरते हुए इंसान को आप,जीवन दान दे दीजिए। मन में तुम्हें संतोष होगा,खुशियां बहा दीजिए,किसी के घर के आँगन का,चिराग जला…

0 Comments