विचारणीय दिवस

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी दिवस विशेष……….. जरूरत आन पड़ी ऐसी भी, दिवस अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी मनाया जाए... वैश्विक स्तर पर,उपाय सुझाया जाए। यू.यन.एच.सी. रिपोर्ट कहती, प्रभावित विकासशील…

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भारत मानवता का धर्म निभाता

मोहित जागेटिया भीलवाड़ा(राजस्थान) ************************************************************************** अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी दिवस विशेष……….. जो भी इस धरती पर आया, इस धरती ने उसको अपनाया शरण देती है ये धरती, ये धरती तो पावन है। जो…

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मानवता रखो

अलका जैन इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************** अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी दिवस विशेष……….. गृह युद्ध ने कर दिया परेशान दोस्तों, बैचेनी बढ़ती जा रही चारों ओर दोस्तों। हर पल मौत का खतरा मंडराता रहे, औलाद…

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गलत सोच

सुमिधा सिदार`हेम` सरकण्डा(छत्तीसगढ़) ****************************************************** थक गई हूँ तेरे गलत इल्ज़ाम से, कठपुतली की तरह कब तक सजी रहूँ महंगी साड़ी,गहने-श्रृगांर से। मैं कोई वस्तु नहीं,मेरे अन्दर भी जीव है, दर्द…

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शरणार्थी

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी दिवस विशेष……….. शरणागत धर्म-सक्षम साहस, कर्मवीर वचन दृढ़प्रतिज्ञ पालक, रक्षक कहलाता है। खुद के दायित्व, कर्तव्यों का सात्विक विशुद्ध अंतर मन से…

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शरणार्थियों का हाल कोई हमसे पूछे

सारिका त्रिपाठी लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी दिवस विशेष……….. जो कभी शरणार्थी नहीं रहे, वे हैं शरणार्थी होने के दर्द से नितांत छूछे, शरणार्थियों का क्या हाल होता है... कोई हमसे…

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श्रृंगार

अर्चना पाठक निरंतर अम्बिकापुर(छत्तीसगढ़) ***************************************************************************** नारी की शोभा बढ़े,लगा बिंदिया माथ, कमर मटकती है कभी,लुभा रही है नाथ। कजरारी आँखें हुई,काजल जैसी रात, सपनों में आकर कहे,मुझसे मन की बात। कानों…

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प्रेम-स्नेह खो गया …

निशा गुप्ता  देहरादून (उत्तराखंड) ************************************************************* कैसा प्रेम,किसका प्रेम, कौन करे किस पर विश्वास। प्यार शब्द अब खो गया, हो गया अब ये आभास। हमेशा गद्दारी उसने ही की, जिस पर…

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दीमक बनकर चाट रहा स्वांग

मालती मिश्रा ‘मयंती’ दिल्ली ******************************************************************** बेटियाँ बचाने का नारा, सुनकर माँ हरषायी थी। तब ले के बिटिया की बलाएँ, वह ममता बरसायी थीll नहीं जानती थी वह माता, यहाँ दरिंदे…

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कैसे सहन करें

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* मानवता की पीड़ा का,आक्रोश किस तरह सहन करें, अपने हाथों से अपने पौरुष का कब तक,क्षरण करें| लोकतन्त्र के नाम जहाँ पर,रक्त बहाया जाता हो, जहाँ…

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