माँ भारती की आरती
निर्मल कुमार शर्मा ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** स्वतंत्र व्योम है,स्वतंत्र है सलिल सुहावनी,स्वतंत्रता के गीत,आज मलयानिल सुना रही।धानी चुनर में है सजी,माँ भारती,माँ भारती, माँ भारती,आओ मिल के गावें,इसकी आरती॥ दग्ध सब हृदय हुए,प्रतिशोध की जब ज्वाल से,आततायी के विरुद्ध,चल पड़े मशाल ले।शत्रुओं से मुक्त की,माँ भारती,माँ भारती,माँ भारती,आओ मिल के गावें,इसकी आरती॥ ऋषियों,तपस्वियों की भू,करुणा-दया … Read more