जी चाहता है
पुष्पा अवस्थी ‘स्वाति’ मुंम्बई(महाराष्ट्र) *********************************************** जी चाहता है मेरा,भारत नव निर्मित हो, शहरों से गांवों तक-जन जन का हित हो। जी चाहता है...॥ हर घर में रोजी-रोटी हो,जन जन बनें…
पुष्पा अवस्थी ‘स्वाति’ मुंम्बई(महाराष्ट्र) *********************************************** जी चाहता है मेरा,भारत नव निर्मित हो, शहरों से गांवों तक-जन जन का हित हो। जी चाहता है...॥ हर घर में रोजी-रोटी हो,जन जन बनें…
छगन लाल गर्ग “विज्ञ” आबू रोड (राजस्थान) **************************************************************************** पुलक उठी है उर मनुहार, मुखर मुग्ध कर रही फुहारl सिहर उठा कोमल अति गात, चंचल मुग्ध बेसुध सखि रातl श्याम देह…
सुबोध कुमार शर्मा शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* प्रतिपल आकुलता रहती है, प्रतिक्षण रहता हूँ मैं उन्मन। क्यों आघात किया आकर के, मम विरही हृदय में निर्मम। कितना पूछा द्रवित मन से,पर ना…
ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** ('भारत तेरे टुकड़े होंगे' की स्थिति पर आधारित) गैरों की हम बात करें क्या,हम अपनों से हारे हैं। और शिखण्डी सरकारें अब,खेल खेलती सारे हैं॥…
एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’ गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** प्यार का नशा, यार के दीदार का नशा। नशा,नशा नहीं, मजा जिंदगी का।। कहीं दौलत का है गुरुर नशा, कहीं शोहरत का सुरूर नशा।…
एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’ गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** तू अवनि अवतारी, पर्वत की बाला दुःख हरने वाली, जग कल्याणी! जय अम्बे जय जगदम्बे!! तू सीता सावित्री, पार्वती विघ्नेश्वरी भुनेश्वरी बाघम्बरी, चंडी चंडिका…
वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** भैया के ही जैसे हर पल खिलखिलाना चाहती हूँ, माँ नहीं मारो,जहाँ में मैं भी आना चाहती हूँ। है यही बस लालसा देखूँ ज़माने…
दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** धोनी-कोहली पर पूरा विश्वास, भारत वर्ल्ड-कप लाएगा। टीम-इंडिया बनी है कुछ खास, भारत वर्ल्ड-कप लाएगा। कपिल-सुनील ने किया था कमाल, जीता तिरयासी(१९८३)…
सुदामा दुबे सीहोर(मध्यप्रदेश) ******************************************* मेरे मेघ सजन मेरे घर आजा रे, मतवारे से सजन मेरे घर आजा रेl ....मेरे मेघ सजन मेरे...ll राह निहारूँ मैं कब से तेरी, धीरज आ…
ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** आओ गीत सुनाऊँ तुमको, 'शुचिता की परिभाषा' का, मनभावों में पलता है उस,जीवन की अभिलाषा का। इन नयनों में नेह-स्नेह की,बहती निर्मल धारा हो, दीन-दु:खी…