जैन धर्म की महती राष्ट्रीय भूमिका
डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** चिंतन........ प्रस्तुत संस्कृति की धारा ने भारतीय जीवन व विचार एवं व्यवस्थाओं को कब कैसे पुष्ट और परिष्कृत किया,इसका यथार्थ मूल्यांकन होकर उसकी वास्तविक रूपरेखा उपस्थित हो जाए…