गले मिलो प्रेम संग

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* नई साल आती रहे,मन में हो शुभ भाव, करते शुभकामना,सभी हम प्यार से। भारत धर्म संस्कृति,आए न कोई विकृति, मन में गुमान रख,रहना संस्कार से। बार-बार…

Comments Off on गले मिलो प्रेम संग

नमामि अम्बिके

पवन कुमार ‘पवन’  सीतापुर(उत्तर प्रदेश) ****************************************************** सबने है घूरा माई,ज्ञान है अधूरा माई। कर दो न पूरा माई,सुनो जगदम्बिके! भक्त-भयहारिणी माँ,कष्ट की निवारणी माँ, भवसिंधु तारिणी माँ,ओ री मेरी अम्बिके!…

1 Comment

साँवला कान्हा

प्रभावती श.शाखापुरे दांडेली(कर्नाटक) ************************************************ बैरी साँवलिया ना छोड़े। फागुन बहार आज॥ मधुर तान सुन मुरली की,रे! लागे मोहे लाज॥ श्याम साँवला,राधा गोरी। जैसे चाँद-चकोर॥ संग कन्हैया,नाचे राधा। होकर प्रेम विभोर॥…

Comments Off on साँवला कान्हा

नव वर्ष

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* (रचना शिल्प:विधान-११२१२ ११२१२ ११,२१२ ११२१२ १६,१२ मात्रा पर यति,चार चरणों का एक छंद,चारों चरण सम तुकांत) लगि चैत माह मने नया सन, सम्वती मय हर्ष है।…

1 Comment

खोज रहा नीर नेह

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* (रचना शिल्प:विधान- २२ मात्रिक छंद-१२,१० मात्रा पर यति, यति से पूर्व व पश्चात त्रिकल अनिवार्य, चरणांत में गुरु (२),दो-दो चरण समतुकांत हों, चार चरण का एक…

Comments Off on खोज रहा नीर नेह

इम्तहान

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* ये जीवन है इक इम्तहान, सबको देना पड़ता है। जो जीता जीवन सोच-समझ, वही सफलता पाता हैll जीवन के इस इम्तहान में, माहिर भी धोखा…

Comments Off on इम्तहान

फागुन

महेन्द्र देवांगन ‘माटी’ पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़  ************************************************** फागुन आया मस्ती लाया,रंग गुलाल उड़ाये। बाग-बगीचा सुंदर दिखते,भौंरा गाना गाये॥ पीले-पीले सरसों फूले,खेतों में लहराये। सोने जैसे गेहूँ बाली,सबके मन को भाये॥…

Comments Off on फागुन

रंग ले के आयी होली

अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** रंग ले के आयी होली,अँखियों से मारे गोली। गोरियों की भींगे चोली,रंग की फुहार में। जिसका भी देखो गाल,रंग से रँगा है लाल। टोली…

Comments Off on रंग ले के आयी होली

श्याम की दीवानी हुई

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  *********************************************************************************- (रचना शिल्प: वार्णिक छंद ८८८७-३१) श्याम की दीवानी हुई, प्रेम की कहानी हुई, पैरों में घुँघरू बाँध, नाचती ही जाये है। कान्हा जाये मिल…

Comments Off on श्याम की दीवानी हुई

उनकी होली की शान

श्रीमती पुष्पा शर्मा ‘कुसुम’ अजमेर(राजस्थान) **************************************************** याद रहे,उनकी होली की शान, देशहित हो गये जो बलिदान। कितने वादे,कितनी खुशियाँ ? कितने नाते,कितनी कमियाँ ? कितने! अधूरे रह गये अरमान। देश…

Comments Off on उनकी होली की शान