मन मयूर स्वागत प्रिये!
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** फूलों सा कुसमित वदन,अधरामृत मुस्कान। चारुचन्द्र तनु चारुतम,हो कुदरत वरदान॥ मधुर प्रेम मन रंजिता,चाहत मिलन अपार। परिणीता वन्दित हृदय,बनूँ प्रीत रसधार॥ कमलनैन रतिभंगिमा,अन्तर्मन अभिसार। भ्रमर गुंज नित अर्चना,मनमादक श्रृंगार॥ चंचल मन मधुरिम हृदय,सुरभित भाष सुहास। मनोरमा हरिणी समा,मिलूँ हृदय अभिलास॥ पीन पयोधर शिखर सम,त्रिवली सरिता धार। लाल गाल … Read more