आँखें वरदान
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) **************************************************** आँखों से जग देखते,हैं आँखें वरदान।आँखों में संवेदना,आँखों में अभिमानll आँखें करुणामय दिखें,जब आँखों में नीर।आँखों में अभिव्यक्त हो,औरों के हित पीरll आँखों में गंभीरता,और कुटिलता ख़ूब।आँखों में उगती सतत,पावन-नेहिल दूबll आँखें,आँखों से करें,चुपके से संवाद।उर हो जाते उस घड़ी,सचमुच में आबादll आँखें नित सच बोलतीं,दिखता नहीं असत्य।आँखों के आवेग … Read more