आँखें वरदान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) **************************************************** आँखों से जग देखते,हैं आँखें वरदान।आँखों में संवेदना,आँखों में अभिमानll आँखें करुणामय दिखें,जब आँखों में नीर।आँखों में अभिव्यक्त हो,औरों के हित पीरll आँखों में गंभीरता,और कुटिलता ख़ूब।आँखों में उगती सतत,पावन-नेहिल दूबll आँखें,आँखों से करें,चुपके से संवाद।उर हो जाते उस घड़ी,सचमुच में आबादll आँखें नित सच बोलतीं,दिखता नहीं असत्य।आँखों के आवेग … Read more

हिन्दी है हितकर सदा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ************************************************************ हिंदी दिवस विशेष….. हिन्दी हितकर है सदा,हिन्दी इक अभियानlहिन्दी में तो आन है,हिन्दी में है शानll हिन्दी सदा विशिष्ट है,हिन्दी है उत्कृष्टlहिन्दी अपनायें सभी,होकर के आकृष्टll कला और साहित्य है,पूर्ण करे अरमानlहिन्दी में है उच्चता,शरद सभी लें मानll हिन्दी का उत्थान हो,हिन्दी का सम्मानlहिन्दी पर अभिमान हो,हिन्दी का गुणगानll हिन्दी … Read more

मानक है हिन्दी वतन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ****************************************************** हिंदी दिवस विशेष….. हिन्दी पखवाड़ा दिवस,चलो मनाऊँ आज।जनभाषा निज देश में,रक्षण निज मोहताज़ll अभिनंदन स्वागत करूँ,हिन्दी दिवस आगाज़।इस स्वतंत्र गणतंत्र में,तरसे हिन्द समाजll सिसक रही निज देश में,निज वजूद सम्मान।हिन्द देश हिन्दी वतन,निज रक्षण अपमानll बाँध वतन जो एकता,दर्पण भारत शान।जनभाषा तीसरी बड़ी,सहे हिन्द अवमानll साजीशें ये कब तलक,भिक्षाटन … Read more

हिन्दी प्यारी है हमें

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ******************************************************* हिंदी प्यारी है हमें,यही हिन्द की शान।हमको इस पर गर्व है,यह भारत का मान॥ स्वभाषा अपनाकर हम,करें हिन्द सम्मान।हिंदी भाषा हिन्द की,बढ़ा रही है शान॥ आजादी के यज्ञ में,हिंदी का है योग।निज भाषा से उन्नती,परभाषा है रोग॥ निज भाषा अपनाइये,रखो उसी का ध्यान।हमको इस पर गर्व है,मातृभूमि कीआन॥ गर्व करो निजभाष … Read more

सत्कर्मों से जग सफल

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ********************************************************** सत्कर्मों से जग सफल,साहस धीर विनीत।अलस तजे पथ उद्यमी,मिले सुयश मधुप्रीतll स्वार्थ चित्त मद मोह जग,भूले सत् आचार।कामी खल अवसाद बन,आतुर निज संहारll प्रमुदित नित परहित मना,मानो प्रभु वरदान।पलभर जीवन हो वतन,सुख परमुख मुस्कानll दुर्जन हर्षित कलह में,निद्रा व्यसनी काम।छल-बल हिंसा क्रूरता,अविरत जग बदनामll सुरभि मधुर अन्तस्थली,परमारथ सत्काम।खुशियाँ हों … Read more

आशा में ही मंज़िल

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ********************************************************* जब इंसाँ मायूस हो,बस तब होती हार।वरना हरदम ही मिले,विजयश्री उपहार॥ आशा मन का भाव है,रखना इसको साथ।तब ही निश्चित आयगी,सदा सफलता हाथ॥ परचम फहरा आस का,ले तू जग को जीत।बने सफलता नित्य ही,प्रिय तेरी तब मीत॥ आशा है तो आत्मबल,आशा से विश्वास।आशा से संसार है,आशा से है आस॥ फहराता … Read more

भाग्य विधाता है यही

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)**************************************************** शिक्षक दिवस विशेष……….. शिक्षक के सम्मान में,आओ आगे वीर।भाग्य विधाता है यही,पूजन करलो धीर॥ शिक्षा से उजियार है,लोक और परलोक।शिक्षा बिन उन्नति नहीं,क्यों करता है शोक॥ ज्ञान और विज्ञान से,आलोकित संसार।मत करना हे साथियों,शिक्षा का व्यापार॥ बिना गुरु सम्भव नहीं,उन्नति और विकास।शिक्षक से बन जात है,काम सकल विश्वास॥ प्रथम गुरु … Read more

निर्मल पावन प्रेम पथ

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************************ दौड़ी आयी राधिका,रंगी प्रेम मय रंग।छिपा रही थी मन दशा,कृष्ण प्रेम मन जंग॥ थिरक रही सरसिज वदन,सुन्दर अधर कपोल ।व्याकुल थी राधे श्रवण,मुरलीधर अनमोल॥ मचल रही चितचंचरी,मन माधव अनुराग।लीलाधर गिरिधर प्रिया,राधे मुदित सुहाग॥ नव पल्लव सम कोमला,पाटल सम मुखचन्द।रजनीगन्धा राधिका,महक रही मकरन्द॥ आँखों में छायी नशा,कजरारी नित नैन।कृष्ण लील … Read more

अहंकार

मनोरमा चन्द्रारायपुर(छत्तीसगढ़)******************************************************** सारे जग से प्रेम कर,दंभ कपट कर त्याग।अहंकार को नित तजो,कर जीवन बेदाग॥ तेरा अपना कुछ नहीं,दिया तुझे श्रीनाथ।अहंभाव सब व्यर्थ है,कर्म चले नित साथ॥ अहंकार से तन जले,होता हृदय अशांत।सत्य कथन है जान यह,मान नहीं तू भ्रांत॥ धन वैभव सुख संपदा,क्षणभंगुर है जान।अहंकार की आड़ में,मत खोना पहचान॥ अहंकार से यश घटे,है … Read more

सुरभित वतन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ******************************************************** हो मंगलमय अरुणिमा,खिले प्रगति जग फूल।दया धर्म करुणा हृदय,परहित नित अनुकूल॥ रहें बिना दुर्भाव का,मानस बने उदार।भारतमय अन्तस्थली फैले प्रीत बहार॥ राष्ट्र पूत बलिदान से,लिपट तिरंगा गात्र।पल दो पल की जिंदगी,दुर्जय बने सुपात्र॥ लोकतंत्र अभिराम जग,संविधान हो श्रेष्ठ।ईश्वर में विश्वास हो,ज्ञानवान हो ज्येष्ठ॥ शीतल भाष सुभाष से,पाए जग संतोष।जीओ … Read more