आत्मा का स्वाभाविक धर्म है क्षमा

क्षितिज जैन जयपुर(राजस्थान) ********************************************************** जैन धर्म में पर्यूषण पर्व के उपरांत ‘क्षमावाणी’ पर्व मनाया जाता है,जिसमें प्रत्येक व्यक्ति अन्य से जाने-अनजाने में किए गए किसी ऐसे काम के लिए क्षमा मांगता है,जिससे उन्हें दुख पहुंचा हो,चाहे वह मन से हो,वचन से अथवा कार्य से। साथ ही,वह अन्य को भी क्षमा करता है। क्षमावाणी ऐसा पर्व … Read more

श्री गणेश तत्व और महोत्सव

सारिका त्रिपाठी लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* भगवान गणेश का प्राकट्य भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी तिथि को हुआ था- “नभस्ये मासि शुक्लायाम् चतुर्थ्याम् मम जन्मनि। दूर्वाभि: नामभिः पूजां तर्पणं विधिवत् चरेत्॥” तब से लेकर आज तक उनका महोत्सव मनाया जा रहा है। भाद्र पद मास का वैदिक नाम नभस्य है। प्राचीन काल में मिट्टी की मूर्ति बनाकर अनेक विधियों … Read more

जिन्दगी हर पल एक नया अवसर

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* हमारी जिंदगी उतार-चढ़ावों से भरी होती है। हम सब सोचते हैं कि यदि अवसर मिलता तो एक बढ़िया और नेक काम करते,लेकिन हमारी बढ़िया या नेक काम करने की इच्छा अधूरी ही रहती है,क्योंकि अक्सर जब हम जिंदगी के बुरे दौर से गुजरते हैं,तब उससे निकलने और जब अच्छे दौर में … Read more

मुसलमान और हिंदुत्व

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुखों की मुलाकात को जितना महत्व खबरपालिका में मिलना चाहिए था,नहीं मिला। मोहन भागवत और मौलाना अर्शद मदनी की इस भेंट का महत्व ऐतिहासिक है। ऐसा इसलिए भी है कि,पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इधर कई बार कह चुके हैं कि,आरएसएस और नरेंद्र … Read more

क्षमापना जीवन का महत्वपूर्ण कर्तव्य

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** क्षमापना पर्व ३ सितम्बर विशेष……. “मुझे क्षमा कर दीजिए,मेरी वजह से आपको दुःख पहुँचा”,यह कहना बड़े साहस का काम है। शायद इसी लिए क्षमा को वीरों का आभूषण कहा गया है। क्षमा करना उतना कठिन नहीं है,जितना क्षमा मांगना। गलती करना मानव की स्वाभाविक प्रवृत्ति है। हम सभी अहंकार या … Read more

अध्यापक,शिक्षक और गुरु

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** प्रायः अध्यापकों को यह शिकायत करते हुए सुनता हूँ कि छात्रों का उनके प्रति प्राचीन काल की भाँति सम्मान का भाव नहीं रहा। छात्र अब अनुशासित नहीं रहते,उनसे बहस करते हैं,उनके आदेशों की अनुपालना नहीं करते इत्यादि!! हाँ,यह सत्य है कि अध्यापक-छात्र के मध्य संबंधों में यह परिवर्तन अवश्य … Read more

महिला स्वतंत्रता की नई पहचान

डॉ.सोना सिंह  इंदौर(मध्यप्रदेश) ********************************************************************* लोकप्रिय सिनेमा के मजबूत स्तंभ……….. बधाई हो की अपार सफलता का श्रेय किसी उम्रदराज महिला को दिया जाए,तो वह सिर्फ और सिर्फ नीना गुप्ता हो सकती हैं। अपेक्षाओं,उपेक्षाओं से परे स्वतंत्रता की नई परिभाषा गढ़ने वाली अपनी स्वयं की रचनाकार नीना ने महिला सशक्तिकरण को नए आयाम दिए हैं। भारतीय सिनेमा … Read more

आत्म जागरण एवं रिश्तों की मजबूती का महापर्व है पर्यूषण

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** सनातन धर्म में नवरात्रि,इस्लाम धर्म में रमजान का जितना महत्व है,उसी प्रकार जैन धर्म में पर्यूषण पर्व का सबसे अधिक महत्‍व है। इस पर्व को पर्वाधिराज (पर्वों का राजा) कहा जाता है। इसे आत्मशोधन का पर्व भी कहा गया है,जिसमें तप कर कर्मों की निर्जरा कर अपनी आत्मा को निर्मल … Read more

युद्धनीति में कृष्ण का मानवीय जीवन दर्शन

डॉ.सोना सिंह  इंदौर(मध्यप्रदेश) ********************************************************************* प्रबंधन,पराक्रम,पूर्णता,प्रेम और परिवर्तन के द्योतक भगवान श्री कृष्ण इसीलिए पूर्णावतार कहे जाते हैं कि ज्ञान के साथ कौशल और चिंतन के साथ चालाकी कृष्ण की नीति रही है। सुदर्शन चक्र धारण किए हुए वे एक ऐसे मानव हैं,जिनका जीवन संघर्षमय रहा। पूतना को स्तनपान के साथ माता का दर्जा देना पड़ा,वहीं … Read more

जन्माष्टमी मात्र पर्व नहीं

रेनू सिंघल लखनऊ (उत्तर प्रदेश) ******************************************************************** कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. “यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत:। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥” जन्माष्टमी मात्र पर्व नहीं देवकी मैया के तुम जाये,गोद यशोदा की दुलराये। मथुरा के तुम राजदुलारे,गोकुल के तुम आँख के तारे। मुरलीमनोहर छवि मतवारी,जय जय जय जय कृष्ण मुरारी । संसार में जब-जब अत्याचार और पाप … Read more