नारी शक्ति है,फिर शोषण ?

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* `अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस`-८ मार्च विशेष………… बात भारतीय या अभारतीय नारी की नहीं,बल्कि उसके प्रति दृष्टिकोण की है। आवश्यकता इस दृष्टिकोण को बदलने की है, जरूरत सम्पूर्ण विश्व में नारी के प्रति उपेक्षा एवं प्रताड़ना को समाप्त करने की है,इसी उद्देश्य से नारी के प्रति सम्मान एवं प्रशंसा प्रकट करते हुए ८ … Read more

सभ्यता और संस्कृति पर आघात महिलाओं के प्रति अपराध

सुरेश चन्द्र ‘सर्वहारा’ कोटा(राजस्थान) *********************************************************************************** ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते,रमन्ते तत्र देवता’ का उदघोष करने वाला हमारा देश आज महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों के कारण लज्जित है। देश के विभिन्न क्षेत्रों में बलात्कार और छेड़छाड़ की बर्बर घटनाएँ आए-दिन घटित हो रही हैं। घर हो या बाहर,महिलाएँ कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। घर और समाज में … Read more

यदि ईश्वर एक है,तो फिर एका क्यों नहीं ?

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** भारत के कुछ हिंदू और मुस्लिम नेता दोनों संप्रदायों की राजनीति जमकर कर रहे हैं,लेकिन देश के ज्यादातर हिंदू और मुसलमानों का रवैया क्या है ? अदभुत है। उसकी मिसाल दुनिया में कहीं और मिलना मुश्किल है। वाराणसी में संस्कृत के मुसलमान प्राध्यापक के पिता गायक हैं और वे हिंदू … Read more

प्रकृति और हम

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** प्रकृति क्या है ? देखा जाए तो प्रकृति हमारे आसपास ही है। हमारे इर्द-गिर्द हरे पेड़-पौधे,सरसराती हवाएँ,पौधों पर जीवन व्यतीत कर रहे जीव-जन्तु, कलकल बहती नदियाँ, ऊँचे पहाड़ यही तो प्रकृति है,जिसके करीब हम रहना चाहते हैं,जो हमें पसंद है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण ये है कि हम पिकनिक मनाने … Read more

तनाव को कम करने के प्रयास भी सुधार की राह

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* चिकित्सक की गलतियों को रोगी भोगते हैं। पिता की गलतियों को बच्चे भोगते हैं। उसी प्रकार बच्चों की गलतियों का दण्ड माँ-बाप भोगते हैं। पत्नियों की गलतियों को पति भोगते हैं और पतियों की गलतियां प्राय: पत्नियां भोगती हैं। राजनेताओं की गलतियों को देशवासी भोगते हैं। मतदाओं … Read more

बढ़ती बेरोजगारी

सुरेश चन्द्र ‘सर्वहारा’ कोटा(राजस्थान) *********************************************************************************** भारत एक जनसंख्या बहुल देश है। बढ़ती जनसंख्या को रोजगार उपलब्ध कराना आज विकराल समस्या बन चुकी है। जनसंख्या नीति और देश के अनुरूप औद्योगिक नीति के अभाव ने बेरोजगारी की समस्या को भयावह बना दिया है। सरकारी क्षेत्र की किसी भी भर्ती की घोषणा होने पर भारी संख्या में … Read more

`प्रेम दिवस`:संबंधों में प्रेम की मिठास घोलिए

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* ”आंधी से भी भयानक होती है रक्त की वह हलचल,जिसे मनुष्य ने `प्रेम` की संज्ञा दी है।“ रांगेय राघव की यह प्रेम एवं प्रणय से जुड़ी अभिव्यक्ति आज के युवा प्रेमियों पर सही साबित होती हैl युवा दिलों पर उमड़ती इसी आंधी को अभिव्यक्त होने का अवसर मिलता है,`वैलेंटाइन-डे` यानी प्रेम … Read more

जातिवाद का खात्मा कैसे हो ?

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** अंतरजातीय विवाहों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ढाई लाख रु. का अनुदान देती है,याने यह पैसा उनको मिलता है,जो अनुसूचित जाति या वर्ग के वर या वधू से शादी करते हैं,लेकिन खुद होेते हैं सामान्य वर्ग के! सामान्य का अर्थ यहां ऊंची जाति ही है। याने ब्राह्मण,क्षत्रिय और वैश्य! … Read more

मस्जिद में हिंदू विवाह अनुकरणीय

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** केरल के कायमकुलम कस्बे के मुसलमानों ने सांप्रदायिक सदभाव की ऐसी मिसाल कायम की है,जो शायद पूरी दुनिया में अद्वितीय है। उन्होंने अपनी मस्जिद में एक हिंदू जोड़े का विवाह करवाया। निकाह नहीं,विवाह! विवाह याने हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार मंत्र-पाठ,पूजा,हवन,द्वीप-प्रज्जवलन,मंगल-सूत्र आदि यह सब होते हुए आप यू-टयूब पर देख सकते … Read more

भारतीय नारी कल और आज

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ हमारा देश आजाद हुए सात दशक से अधिक का समय हो चुका है। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त तथा महीयसी महादेवी वर्मा प्रसाद जी की पंक्तिया `अबला जीवन यही कहानी आँचल में है दूध आँखों में पानी`,`एक नहीं दो दो मात्राएं नर से बढ़कर नारी नारी नहीं बन्दिनी हूँ`,जैसी पंक्तियों का अर्थ … Read more