गोद भराई

देवश्री गोयलजगदलपुर-बस्तर(छग)******************************************************* विनीता के विवाह को पूरे ११ साल हो चुके थे,परंतु माँ बनने का सुख उसको मिला ही नहीं। उसके दोनों देवरों की शादी उसके सामने हुई…सालभर में दोनों की गोद में एक-एक बच्चा भगवान ने उनको दे दिया..! रोज ही तकिया गीला करते उसकी रात कटती…!हालांकि,पति कुछ कहते नहीं ही थे…पर,जब शाम को … Read more

असली मायका

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)*********************************************************************** रक्षाबंधन पर्व विशेष……….. राखी का त्यौहार आने वाला है, मीनाक्षी की ननंदें अपने मायके आ गई हैं। सभी उसके काम में हाथ बंटाती हैं। शाम को सभी बरामदे में बैठकर एक- दूसरे से बातचीत हँसी-मजाक करते रहते हैं। मीनाक्षी की सासू माँ सबको यही कहती है,-“मेरा क्या भरोसा? कब साँस निकल जाए … Read more

दर्द को और दर्द दो…

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ********************************************************************** दो मित्र रामलाल और श्यामलाल,शाम को पार्क में हर दिन की तरह मिले। श्यामलाल ने मित्र को देखकर कहा-“यार रामलाल,क्या हुआ ? तुम लंगड़ी घोड़ी की तरह क्यों चल रहे हो। माना कि रिटायर हो गए हो तो,क्या तुम कमजोर भी हो गये हो। रिटायर होने के बाद तो,व्यक्ति … Read more

गलती

अलीशा सक्सेनाइंदौर (मध्यप्रदेश)********************************************************************* प्रिया को नाचने का बहुत शौक था,और इस शौक को वह जुनून की तरह करती थी। दिन-रात नृत्य के अलावा कुछ नहीं सूझता था। एक दिन समाचार-पत्र में एक समाचार आया कि उनके शहर में नृत्य स्पर्धा आयोजित की जा रही है। यह समाचार पढ़कर प्रिया की खुशी का ठिकाना ना रहा,वह … Read more

उदाहरण

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** वह हट्टा-कट्टा बॉडी बिल्डर-सा दिखने वाला आदमी चलती हुई बस में दो की सीट पर अकेला फैलकर ऐसे बैठा हुआ था,मानो पूरी बस का मालिक वही है! उसे देखकर पिछले स्टॉप पर चढ़ा हुआ एक दुबला-पतला किशोर वय का लड़का अपनी वैशाखी संभालते हुए आगे बढ़ा,और हिम्मत करके उस तगड़े … Read more

संगठन की शक्ति

दीपेश पालीवाल ‘गूगल’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************** प्राचीन समय की बात हैl एक जंगल में शेर-शेरनी रहते थे,उनके २ छोटे-छोटे बच्चे थे। यह चारों बड़े ही प्रेम से अपना जीवन जंगल के अन्य जानवरों के संग हँसी-खुशी व्यतीत कर रहे थे। जंगल में खुशहाली का माहौल था। सभी जानवर बड़े ही मज़े से रह रहे थे।कुछ … Read more

खुशी का पैमाना

डॉ.पूर्णिमा मंडलोईइंदौर(मध्यप्रदेश) ***************************************************** शहर में ‘तालाबंदी’ हुई तो काम वाली बाईयों का आना भी बंद हो गया। फिर भी उनको उस समय के पैसे तो देने ही थे,इसलिए छाया अपने २ महीने के काम के पैसे लेने आई तो मैंने पूछा,-‘क्या हाल है छाया ?‘अच्छे हैं दीदी।’मैंने फिर पूछा,-‘कैसा चल रहा है ?’‘”सब अच्छा चल … Read more

नैसर्गिक न्याय

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)********************************************************************* घने पेड़ों के झरमुट में बसा हुआ अकीलपुर गाँव,अपनी शोभा,रहन-सहन में अकेला था। नदी किनारे बसा हुआ,हरे-भरे ब़ागों से घिरा हुआ,जरूरत पूरी करने के लिए बंसवाड़ी भी लगी हुई!लहलहाते खेतों की चादर बिछाए।‌जवान लोग तो कमाने दूर-दूर पंजाब, हरियाणा,दिल्ली,राजस्थान,मुंबई तो चेन्नई तक चले गये थे और जो बाहर जाने … Read more

सार्थकता

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)*********************************************************************** “इन्सान भी क्या खूब है ? दिन-रात तो ढेर सारे पाप करता है और सुबह गंगा में एक डुबकी लगाकर सारे पाप धो लेता है तथा पुण्य कमा लेता है,पर दादा! क्या सच में ऐसा होता है ?”“न न पगले! तू इंसान बनने की कोशिश ना कर,उसकी तरह ना सोच, ना देख,यही … Read more

वृक्षारोपण

मीरा जैनउज्जैन(मध्यप्रदेश) ********************************************************** “अरे हरिया! तू यह क्या कर रहा है कल ही नेता जी ने यहां ढेर सारे पौधे लगा वृक्षारोपण का नेक कार्य किया है,ताकि हमारे गाँव में भी खूबसूरत हरियाली छा जाए और पर्यावरण शुद्ध रहे,देख अखबार में फोटो भी छपी है। एक तू है कि इन पौधों को उखाड़ने में तुला … Read more