सफर कदापि निरर्थक ना हो

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* काँटों में खिलते गुलाब से हमें सीखना होगा,चुनौतियों में भी दृढ़ हमको दिखना होगा।संकल्प शक्ति ही काफी है जीवन संवारने को-पाने को सुख-दुःख में भी दर्द को…

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अरमान रखो

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* अरमान रखो कि आसमां से बात करनी है,हो कैसी भी चुनौती हमें लड़ाई लड़नी है।हो इरादा मजबूत,तकलीफ तो महसूस नहीं होती-अपने हर किरदार में बस ये बात…

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दर्द

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************************ ख़याली पुलाव बनाना अच्छा नहीं होता,यूँ ही दिल बहलाना अच्छा नहीं होता।है रंजिशें दिल में तो छुपाकर रखो-ग़मों को बतलाना अच्छा नहीं होता। दिल का दर्द तू महसूस…

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विश्वास

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* विश्वास झलके हमारे हर किरदार में,कुछ कर गुजरने का यकीन हो चाल-ढाल में।जान लो हमारे शरीर का हर अंग बोलता है-इनकी मौन भाषा बोले हमारे हर सरोकार…

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अपने किरदार को जियें

एस.के.कपूर 'श्री हंस'बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* आओ करें दुनिया में कुछ काम हम ऐसा,दुनिया चाहे बनना फिर हम ही जैसा।किरदार को जियें जिंदगी में ऐसी शिद्दत से-जाने से पहले बनाएं अपना नाम कुछ…

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जज्बात

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’मुंबई(महाराष्ट्र)*********************************************** जादूगरी अल्फाज़ की,जज्बात भी मुश्किल में है,चित्त का चिंतन नहीं अब,बात भी मुश्किल में है।नेह का दर्पण अगर,हौले से धूमिल हो रहा हो-मान लो ये जिंदगी की,सौगात…

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सुरभित पुष्प

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’मुंबई(महाराष्ट्र)*********************************************** फूलों के मुरझाने से,सुरभि कहाँ रुक जाती है,और पुष्प से नेह निबन्धन,सोच सोच रह जाती है।अनजाने में हुए दोष का,दोष नहीं लगता है प्रियवर-कुछ तो खास रहे…

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शब्द की महिमा

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************** शब्द-शब्द में ज्ञान समाया,शब्द प्रेम निर्मल पावन है, शब्द श्रेष्ठ जीवन देता है,शब्द मधुर जो मनभावन है। शब्द सोचकर ऐसा बोलें,शब्द मिटा दे कटुता सारी- शब्द…

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गीता ज्ञान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) **************************************************** मुझे गीता ने सिखलाया,जिऊँ मैं कैसे यह जीवन,सुवासित कैसे कर पाऊँ,मैं अपनी देह और यह मन।मैं चलकर कर्म के पथ पर,करूँ हर पल का नित…

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बापू को चिट्ठी

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************ गांधी जयंती विशेष………….. बापू लिख रहा चिट्ठी आज,तुमको अपने देश के काज।स्वच्छ शांति सेवा शिक्षा से-भी ना बदले स्वदेश आजll कोई धरना-रैली करते,देश लूटने आतुर होते।सरकारी…

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