एस.के.कपूर ‘श्री हंस’
बरेली(उत्तरप्रदेश)
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अल्फ़ाज़ महक जायें तो लगाव बहक जायें तो घाव देते हैं,
मौका और दस्तूर देख कर ही शब्द भाव देते हैं।
शब्द ही मरहम और हैं तीर-तलवार जैसे भी-
यही शब्द मित्र और शत्रु बनाने का चुनाव देते हैंll
बड़े लक्ष्य और अच्छे विचार आदमी की शक्ति बढ़ाते हैं।
सही दृष्टिकोण जीवन में उचित रास्ता बतलाते हैं।
राह और सोच अच्छी हो तो जीवन जाता है बन-
हम कोशिश करें तो आसमाँ से तारे तोड़ लाते हैं॥
वक़्त कब क्या रंग दिखाये कोई जानता नहीं है,
लेकिन दृढ़ इच्छाशक्ति वाला हार मानता नहीं है।
समस्याएं हमें कमजोर नहीं आती हैं मजबूत बनाने को-
ठान लिया जिसने जीवन में वो हारता नहीं है॥