हिन्दी के लिए लड़ने वाला सबसे बड़ा वकील महात्मा गाँधी

प्रो. अमरनाथकलकत्ता (पश्चिम बंगाल)****************************************** गाँधी जी ने हिन्दी के आन्दोलन को आजादी के आन्दोलन से जोड़ दिया था। उनका ख्याल था कि,देश जब आजाद होगा तो उसकी एक राष्ट्रभाषा होगी और वह राष्ट्रभाषा हिन्दुस्तानी होगी,क्योंकि वह इस देश की सबसे ज्यादा लोगों द्वारा बोली और समझी जाने वाली भाषा है। वह अत्यंत सरल है,और उसमें … Read more

शुभकामनाएं अकाली दल,राष्ट्रवाद थामे रहिए

राकेश सैनजालंधर(पंजाब)*********************************************** कृषि कानून-२०२० के चलते शिरोमणि अकाली दल ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठजोड़ का साथ छोड़ दिया है। लोकतंत्र में हर दल को अधिकार है कि वह अपनी नीतियों व इच्छा के अनुसार किसी भी दल या गठजोड़ का साथ दे सकता या विरोध कर सकता है। अकाली दल … Read more

रामलीला मंच से नएपन से जोड़ना होगा नयी पीढ़ी को

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)********************************************** आज विद्युत संचार साधनों का युग है। घर बैठे विश्व दर्शन,दूर देशों से बातचीत और मनोरंजन के साधनों की श्रीवृद्धि ने मंचीय रामलीला, नौटंकी और नाटकों के महत्व को कम कर दिया है। आज की तीव्र गति से भागती हुई जीवन-शैली में रोजी रोटी के संघर्ष परस्पर दूर होते रिश्ते,मनुष्य- मनुष्य में विकसित … Read more

वार्द्धक्य और गार्हस्थ्य-जीवन

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)******************************************************** पति-पत्नी मिलकर जो जीवन जीते हैं,वह गार्हस्थ्य-जीवन कहलाता है। जाहिर है कि इसमें उन पर निर्भर उनके बच्चे आ ही जाएंगे। उनके वे बच्चे जो बड़े हो गए हैं और अपने पैरों पर खड़े हो गए हैं या बेटी की शादी होकर गृहवास बदल गया है,वे भले इस परिधि … Read more

हिंदी के समर्थन में प्रचंड जनसंख्या खड़ी करने के अंतर्राष्ट्रीय लाभ क्या ?

लीना मेहेंदले********************************** हिंदी पखवाड़े में एक प्रश्न बार-बार उठता है कि,क्या हिंदी कोई मौलिक भाषा है ? कितनी प्राचीन या कितनी नूतन है ? चूँकि इससे अधिक प्राचीन भाषाएं हैं,तो उनकी तुलनामें हिंदी की महत्ता कम हो जाती है,इत्यादि। साथ ही यह प्रश्न उठता है कि मैथिली को हिंदी से अलग करके एक प्रमुख भारतीय … Read more

तालाबंदी का सफर

दृष्टि भानुशालीनवी मुंबई(महाराष्ट्र) **************************************************************** साल ‘२०२०पूरे विश्व को आजीवन याद रहेगा। बाढ़,चक्रवात,आतंकवादी हमला,तालाबंदी,जनता कर्फ्यू,कोरोना विषाणु आदि न जाने कितनी विपदाएँ सही है पूरे विश्व ने।कोविड-१९की इस महामारी के चलते देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ महीनेतालाबंदीकी घोषणा की थी। सभी देशवासियों नेतालाबंदीका पालन तो किया,किंतु अपनी रोजी-रोटी कमाने हेतु मनुष्य को बाहर निकलकर परिश्रम तो … Read more

अखंड विश्व की परिकल्पना असंभव नहीं

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** अखंड विश्व की परिकल्पना भारतीय जनमानस के लिए नई नहीं है,सनातन संस्कृति सदा से ही वसुधैव कुटुंबकम् और विश्व बंधुत्व की भावना से ओत-प्रोत रही हैl इसने सदा से ही सर्वे भवन्तु सुखिन: का संदेश दिया है। किसी कवि ने बड़े ही सरल शब्दों में लिखा है कि,-सदियों पहले देश हमारा, जगत … Read more

गांधी दर्शन:भौतिक के साथ नैतिक स्वच्छता भी जरूरी…

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ********************************************************** गांधी दर्शन की सबसे बड़ी खूबी और ताकत यह है कि,वैचारिक द्वंद् के बावजूद उसमें समन्वय का कोई न कोई प्रेरक और सर्वमान्य बिंदु न केवल खोजा जा सकता है,बल्कि व्यापक अमल भी किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रखर राष्ट्रवादी होने के साथ-साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को भी अपना प्रेरणा … Read more

मानवता का मानःएक चिन्तनीय विषय

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ***************************************************** मानवता का मान एक चिन्तनीय विषय हैl आज समाज देश या वैश्विक पटल लोभ, ईर्ष्या,द्वेष,झूठ,ठगी,लूट,भ्रष्टाचार,विस्तारवाद आदि राक्षसी दुष्कर्मों के दल-दल में फँसता जा रहा है। अपने स्वार्थों की सिद्धि के लिए आज मनुष्य किसी भी निकृष्ट कर्म को करने के लिए तैयार है। चाहे परिवार में आजीवन अपनी संतान … Read more

गांधी बाबा को मत मानो,गांधी की अवश्य मानो

निर्मलकुमार पाटोदीइन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************************** अगले २० साल के लिए नई शिक्षा नीति प्रस्तुत हुई है। इसमें अनेक विशेषताएं हैं। एक बड़ी विशेषता कौशल के आधार पर विद्यार्थी को आत्मनिर्भर बनाने की है,विद्यार्थी का जीवन निर्माण करने की है। इसमें पाठ्यक्रम को कम रखते हुए अन्य गतिविधियों को महत्त्व दिया गया है। शिक्षा नीति कोरी दिमाग़ी और किताबी … Read more