माँ-बाप को पशुधन न समझ सम्मान दें
डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** अधिक आधुनिक और सम्पन्न होने से हमने अपने परिवार और पशुधन को बहुत अधिक तिलांजलि दी है। आज सम्पन्न और मध्यम आय वर्ग में एकल परिवार पद्धति में अपने परिवार के वृद्ध माँ-बाप जो अनुपयोगी हो जाते हैं, उनको हम भार मानकर तिरस्कृत या उपेक्षा करने लगते हैं,और उन्हें वृद्धाश्रम भेजने या अलग … Read more