भारत माँ के लाल

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** पग-पग पर कांटे पड़े,चलना तुमको पड़ेगाभारत के अंग कश्मीर को,तिरंगे में समाना होगाऔर मंजिल से भटके हुए,लोगों को समझाना होगा।और मिलकर भारत की,एकता को दिखलाना पड़ेगा॥ घायल और लहूलुहान हुए सीने,उसका हमें कोई गम नहीं हैकैसे कराएं कश्मीर को,आतंकवादियों से हम मुक्तलिया ये संकल्प अब हमने,चाहे जाएं इसमें प्राण हमारे।पर कदमों को … Read more

वक्त

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** वक्त को जो मिला हमसे कभी,रखता नहीं है,हाल जो भी बना करते हमें,देता वही है। रहगुज़र में बने हालात जो,सब हैं इसी के,सुख कहाँ,दु:ख कहाँ देना करे निर्णय सही है। साथ कोई न रहता इस तरह,साँसों का बन के,जिन्दगी तो गुजर जाती मगर,रहता यही है। हर घड़ी खुद को … Read more

प्रेमचंद की रचनाओं के केन्द्र में स्वराज,स्वदेशी, स्वशासन-प्रो. शुक्ल

वर्धा (महाराष्ट्र)। प्रेमचंद अपने वैचारिक लेखन में स्वराज,स्वदेशी,स्वशासन, स्वाधीनता की बात करते हैं। राष्ट्र और समाज की स्वतंत्रता के सिपाही के रूप में अभी प्रेमचंद को विस्तार से देखा जाना जरूरी है। प्रेमचंद का नवजागरण भारतीय दृष्टि से ओतप्रोत है। कलम बंद नहीं होगी,नाम बदल होगी प्रेमचंद का यह संकल्प राजनीतिक और मानसिक पराधीनता से … Read more

जाने-अनजाने रिश्ते

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ****************************************** बहुत मुश्किल से,बनते हैं येपाक-पवित्र रिश्ते,बहुत अहमियतरखते हैंजीवन में,कभी-कभी येकुछ जाने-अनजाने रिश्ते। खून के नहीं,अपनेपन के होते हैंतन के नहीं,मन के होते हैंये अनमोल रिश्ते,बिना जोड़े हीजुड़ जाते हैं ये,कुछ जाने-अनजाने रिश्ते। कुछ नाम,नहीं होताइन रिश्तों का,अनाम येरिश्ते होते हैं,जीवन में देते हैंखुशियां की दस्तक,कुछ जाने-अनजाने रिश्ते। ख़ुदा की,रहमत समझो यापुण्य कर्मों … Read more

शब्दों का संसार

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* शब्दों का संसार सदियों से,विभिन्न रूप में है जन्माबड़ी भव्य बेला वो होगी,जब काव्य शब्द मनु बोले। शब्दों का संसार अनुपम,जोडे़ हृदय से हृदय स्नेहभावों की बहती ये गंगा,अमृत-सा अधर जब बोले। शब्दों का संसार विष सा,जो क्रोधाग्नि में मन तोडे़चुभन दे तीरों-सी,घाव,अति बैर जो बेहाल हो ले। शब्दों का … Read more

आहट

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** जरा-सी आहट से चौंक जाती हूँ,लगता है तुम होगे आस-पासपर जब देखती हूँ,तुम क्या तुम्हारीपरछाई भी नहीं मेरे पास।याद आते हैं वह लम्हे,जो गुजारे थे तुमने और मैंनेयाद आते हैं वह पल,जब चूम लेते थे मेरी पलकों को।याद आता है वह हाथों का स्पर्श,जब सहलाते थे मेरे गालों कोमैं हो जाती थी … Read more

आज़ादी के परवानों का सम्मान करो…

क्रिश बिस्वालनवी मुंबई(महाराष्ट्र)******************************** युग बदल गया और फ़िर चरखे का चक्र चला,फ़िर काला शासन ढकने चला श्वेत खादी।खूंखार शासकों की खूनी तलवारों से,बापू ने हँस कर मांगी अपनी आजादी।जो चरण चल पड़े आजादी की राहों पर,वो रुके न क्षणभर,धूप,धुआं,अंगारों सेउठ गया तिरंगा एक बार जिसके कर में,वो झुका न तिल भर गोली की बौछारों से।इसीलिए … Read more

बंदर की शादी

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************* पहन लिया कुर्ता-पैजामा,दूल्हा बन गए बंदर मामा। आ गए उसके संगी-साथी,खरगोश भालू शेर हाथी। बिल्ली मौसी भी आईं,देखकर चूहे को गुर्राईं। चिड़िया कौवा और कबूतर,लगे नाचने मिल के जमकर। जब हाथी ने चिंघाड़ लगाई,जल्दी चलो बाराती भाई। सुनकर शेर को गुस्सा आया,शेरनी को फिर और नचाया। सभी बाराती लगे झूमने,बिल्ली … Read more

ॐ नमः शिवाय

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** शिव होना सहज नहीं,शिव होने से पहले सत्य होना होगासत्य होने से पहले सत्य बोना होगा। शिव होना सरल नहीं,सरल होने से पहले गरल तो पीना होगागरल पीने से पहले तरल तो होना होगा। शिव सुंदर होना महज नहीं,सुंदर होने से पहले अहंकार खोना होगाअहंकार खोने से पहले औघड़ तो होना होना। श्मशान … Read more

पूर्वोत्तर राज्यों में गृह युद्ध की आशंका!

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)************************************** भाई जैसा दोस्त नहीं और भाई जैसा दुश्मन नहीं,इसके जीते-जागते उदाहरण रामायण काल,महाभारत काल से लेकर यह नियति निश्चित है। हमारे देश में विभाजन के बाद जो स्थिति बनी है,वह भी आज दुश्मनों से कम नहीं। आज ७३ साल हो गए,पर दुश्मनी की दरार नहीं पट पाई। यह टूटन आजादी के पूर्व से … Read more