दादाजी

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** कोरोना फैला है दादा, बाहर नहीं निकलते। लाठी ले जाते छत पर ही, छत पर घूम टहलते॥ पानी पीते गरम सदा ही, हाथ सदा हैं…

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‘कोरोना’ से सावधान

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** 'कोरोना' से डरो ना,कोई करो उपाय। रहो गेह दूरी अपर,घर में रहो सफाय॥ 'जनता कर्फ्यू' वतन से,सुन पी एम आह्वान। एक बना जन…

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इसको जीना कहते हैं!

रीना गोयल यमुना नगर(हरियाणा) ************************************************************* भड़क रही सीने में पल-पल,आग नफरतों की यह कैसी, दुखी हृदय सब देख विकल है,क्या इसको जीना कहते हैं ? भ्रष्ट हो गयी राजनीति है,भूल…

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हास्य कवि सम्मेलन में लगे जमकर ठहाके

इन्दौर(मप्र)। जैन सोश्यल ग्रुप इंदौर स्वागत का होली मिलन समारोह और हास्य कवि सम्मेलन शानदार तरीके से हुआ। मैरिज पार्क(नवग्रह जिनालय के पास) गांधी नगर रोड पर रंगपंचमी के अवसर…

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अबोध मानव

अंशु प्रजापति पौड़ी गढ़वाल(उत्तराखण्ड) **************************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. प्रकृति के देखे रूप बहुत,उत्तर से लेकर दक्षिण तक, हरियाली से लेकर रेत तलक,गिरिराज से लेकर सागर तक। तरुवर से…

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मेरे-सा संसार नहीं

विजयलक्ष्मी विभा  इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश) ********************************************************* प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. प्रकृति परी तू रच सकती है,मेरे-सा संसार नहीं, मिले तुझे हैं विधि से अनुपम,मेरे से उपहार नहीं। मेरी आँखों के बादल…

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प्रकृति की व्याकुलता

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ************************************************************************* प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष........ एक शाम प्रकृति को देखा, मैंने गुमसुम-गुमसुम। रहा ना गया,बोल पड़ी मैं- "हे! प्रकृति बावरी, क्यों है उदास री ?…

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अब तो हमारी सुध लो

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* संसार के रचयिता हम पर है नजर तेरी, करते हैं याद तुमको हर सांझ और सवेरी। अब तो हमारी सुध लो ओ बंसी के…

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नया राम

डॉ.सोना सिंह  इंदौर(मध्यप्रदेश) ********************************************************************* इसकी-उसकी,पास-पड़ोस की, दोस्त की रिश्तों की... वैश्विक चिंता के साथ हर दिन नई पीड़ा, नए दर्द के साथ जूझता हुआ मिलता है..। क्या होगा उसका कल...?…

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संदेश है प्रकृति का

पवन प्रजापति ‘पथिक’ पाली(राजस्थान) ************************************************************************************** सृष्टि के प्रारम्भ में प्रकृति ने जब सभी जीवों की रचना की तो दो पैरों वाले जीव 'इंसान' को सबसे अधिक ताकत 'दिमागी ताकत' दी।…

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