अनमोल है माँ

निक्की शर्मा `रश्मि`मुम्बई (महाराष्ट्र)********************************************* जग में सुंदर अनमोल है माँ,दूजा नहीं और,माँ से बड़ा संसार में किसी का ना ठौर। राह सदा दिखलाती है सच्ची सीधी और,प्रथम शिक्षा देती मात,तू…

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नदी है नारी

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)************************************* नारी में है नदी जैसा प्रवाह,नदी है नारीउसके हर कार्य में,दिखता है इसका प्रभाव। नदी अपने रास्ते में आने,वाली हर बाधा को निपटाती हैनारी भी…

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चैन से नहीं इक पल जिन्दगी

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** जिन्दगी सताती है,जिन्दगी रुलाती है,चैन से नहीं इक पल जिन्दगी बिताती है। कौन सुख से रहता है,कौन सुख से जीता है,कब सुकून का पल…

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मतलबी जहाँ

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ जब ग़म से दिल बेज़ार होता है।सब अपनों से ही ख़ार होता है। मतलबी जहाँ बेहिस लोग यहाँ,रो रो दिल तार तार होता है। ठोकर लगी खून-ए-जिगर से,तब…

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हमको ही वो लूट रहे

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* हमको आदरणीय बताकर हमको ही वो लूट रहे हैं,नेता,दल्ले,व्यापारी सब छाती पर तिल कूट रहे हैं। तिलक लगाने को मांथे पर हमसे मांग रहे हैं रोली,आंदोलन…

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असफलता से सफलता का मार्ग प्रशस्त कीजिए

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ************************************* असफलता जीवन की एक वास्तविकता है,जिसका सामना सभी मनुष्यों को अपने जीवन में कभी न कभी,किसी न किसी रूप में करना ही पड़ता है। इससे…

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दुर्भाग्यपूर्ण और सरकारी तंत्र की असंवेदनशीलता

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ****************************************** शहादत न सही,कोरोना योद्‍धाओं की मौत जिन्हें देश ने 'कोरोना योद्धा' कहा,जिनके सम्मान में प्रधानमं‍त्री नरेन्द्र मोदी ने ताली-थाली बजाने का आव्हान किया, जिन्होंने कोविड-१९ महामारी से…

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बजट अच्छा,लेकिन क्रांतिकारी नहीं

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* देश का वह बजट आदर्श बजट होगा,जो देश के सभी १४० करोड़ लोगों के लिए रोटी,कपड़ा,मकान,शिक्षा और चिकित्सा की न्यूनतम व्यवस्था तो करे। राष्ट्र को परिवार बना…

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अधूरी आजादी

नीलू चौधरीबेगूसराय (बिहार)*************************************** सालों पहले हम आजाद हुए,पर हमें मिली कहाँ पूरी आजादी ?अभी तक हम जी रहे,अधूरी आजादी के साथ…। आजादी के जश्न पर,कुछ चटकता है हमारे भीतरशायद ये…

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जिंदगी के नए पन्ने

खुशी सिंहमुंबई(महाराष्ट्र) **************************** मैं रुकी नहीं,थम सी गई हूँअपने सपनों से,सहम सी गई हूँ।डर लगता है,आगे बढ़ने सेफिर दो कदमपीछे हटने से।रास्ते के फूल,काँटे बन गए हैंअब हम बच्चे नहीं,बड़े…

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