आँगन में उदास है खड़ी
डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)************************************** मेरे पिता जी की साईकल स्पर्धा विशेष….. बचपन की स्मृतियां,दिमाग में अभी भी है शेषबाबूजी की साईकिल है,मेरे लिए विशेष। जब भी बाबूजी,दुकान से घर आतेअपनी साईकिल पर हमें,सवारी जरूर कराते। उस जमाने में साईकिल,सबके पास नहीं होती थीजिनके पास होती थी साईकिल,उनकी गिनती खास में होती थी। बहुत अच्छा … Read more