कान्हा तुम धड़कन

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** कान्हा तुम धड़कन,तुम मेरी थिरकनसाँस-साँस सिमरन,तुम ही हो प्रान में। तुम भजन कीर्तनमंदिर या उपवनशीत और हो अगन,मोहन ही ध्यान में। बहते बन पवन,धरती और गगनतन मन ये नयन,तुम ही विधान में। रोम-रोम पुलकनसुख-दु:ख सिहरनतेरी बनी विरहनअज्ञानी में ज्ञान में। मनुआ नाचे मगनछोड़ के सारे बंधनमौन में और बयन,खोना पाना दान में। सुख … Read more

मानवता घायल हुई

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** मानवता घायल हुई,विपदा का है काल।वायुकणों में बुन दिया,कोरोना ने जाल॥कोरोना ने जाल,हवा में जहर घुला है।कैसे लांघें द्वार,काल का द्वार खुला है!कह सागर कविराय,डरी है बिंदी,पायल।‘कोरोना’ से आज,हुई मानवता घायल॥ परिचय-डॉ.विद्यासागर कापड़ी का सहित्यिक उपमान-सागर है। जन्म तारीख २४ अप्रैल १९६६ और जन्म स्थान-ग्राम सतगढ़ है। वर्तमान और स्थाई पता-जिला पिथौरागढ़ … Read more

वक्त नहीं चुप रहने का

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** तन से कोमल,मन से निर्मल,विधि ने नारी सृजन कियासौम्य,शीलता,लज्जा का,कितना सुंदर आवरण दिया। देवी,सबला,शक्ति,कहकर,देवों ने सम्मान दियापर मानव,दानव बन बैठा,पल-पल ही अपमान किया। आखिर क्या हो गया हमारे,संस्कृति,रीति-रिवाजों कोकिसने किया विषैला,कड़ुआ,सुंदर-सभ्य समाजों को। पश्चिम की बीमार सभ्यता,चिकनी-चुपड़ी बोल रहीभोगों का व्यापार बढ़ाने,जहर हवा में घोल रही। कुछ नादान लड़कियां फंसती,जाती हैं इन … Read more

छीन ली

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)******************************************* हादसों ने लबों की हँसी छीन ली।मेरी आँखों की सारी नमी छीन ली। ज़िंदगी देने वाले ने यूँ तो हमें,ज़िंदा रक्खा मगर ज़िंदगी छीन ली। जिनसे रौशन अभी था ज़मीं का जहाँ,उन सितारों से क्यों रौशनी छीन ली। गुल का मुरझाना लाज़िम है माना मगर,ऐ सबा तूने ताज़ा कली … Read more

मौसम आते-जाते हैं

अनिल कसेर ‘उजाला’ राजनांदगांव(छत्तीसगढ़)************************************ मौसम आते-जाते हैं,फिर हम क्यूँ घबराते हैं। आज गम है कल खुशी,यही तो ये बतलाते हैं। प्रेम प्यार औ तेरा-मेरा,जीवन से इनके नाते हैं। वक़्त कैसा भी आ जाए,मिल के सभी हम गाते हैं। रिश्ते नाते या हो दोस्ती,हर पल उन्हें निभाते हैं। होगी अब चहुँ ओर हरियाली,वृक्ष लगाने कसम हम खाते … Read more

जल,वायु से सजतीं बहारें

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** रचना शिल्प:२२२ २२२ १२२ जल,वायु से सजतीं बहारें,धरती में इनसे ही नजारे।मधुरम बनके धरती गगन को,बूंदों की चाहत में निहारे॥जल,वायु से… बूंदें,बादल देता धरा को,बिन बूंदों के सूखी धरा हो।कैसे फिर सज पाए धरा ये,मिलती ही न इसको कदर तो,कैसे सज पाएंगी बहारें।जल,वायु से… सूखीं नदियां,वन-वृक्ष कटते,झुलसें पर्वत,हिम भी … Read more

आस्था और अंधविश्वास में जमीन-आसमान का अन्तर

रोहित मिश्रप्रयागराज(उत्तरप्रदेश)*********************************** हमारा भारतवर्ष एक धार्मिक देश के रुप में विख्यात है। हमारे देश के हर धर्म में आस्थावानों की कमी नहीं है। जिन लोगों का भारतीय संस्कृति से लगाव नहीं है,या फिर ये कहा जाए कि जिन पर पश्चिमी सभ्यता का अधिक प्रभाव है,उनका मानना है कि भारतीय अंधविश्वासी हैं।आस्था को अंधविश्वास और अंधविश्वास … Read more

हाय मेरा इश्क़!

क्रिश बिस्वालनवी मुंबई(महाराष्ट्र)******************************** “वो तेरी तरह मुझे छोड़ कर कभी नहीं जाती!”“इसलिए हमेशा के लिए तुम्हें छोड़कर चली गई!”“उसकी कोई मज़बूरी रही होगी…।”“अक्लमंद निकली,किसी अमीर आदमी की बीवी बन कर ऐश कर रही होगी!”एक तीर-सी चुभती बात निकली और…तड़ाक!जब भी उसे छोड़कर जाती,सिद्धार्थ ताने देता और फिर यही होता। जैसे ही सिद्धार्थ का पीना शुरू … Read more

‘मौत आई,बाँह थामी और उठा कर ले गई…’

महामारी ने प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ.कुंवर बेचैन को छीना नई दिल्ली। मशहूर कवि कुंवर बेचैन का गुरुवार को निधन हो गया है। वह ‘कोरोना’ संक्रमित हो गए थे।संक्रमित पाए जाने के बाद से ही दिल्ली के सूर्या अस्पताल में भर्ती पर सुधार नहीं होने पर डॉ. कुंवर बेचैन को कॉसमॉस अस्पताल में भर्ती किया गया था। … Read more

राह बताती,पाठ पढ़ाती

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’ उदयपुर (राजस्थान)****************************************** विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष…… एक किताब-मानो मिल गया हो,मुझे ख़िताब। मन बैचेन-पुस्तक पढ़ने से,मिलता चैन। सच बोलती-पुस्तक छुपे हुए,राज खोलती। कैसा भविष्य-पुस्तकों में पढ़ लो,सारा रहस्य। नहीं रूबाब-मेरी जिंदगी यारों,खुली क़िताब। राह बताती-पुस्तकें जीवन का,पाठ पढ़ाती। खूब सुहाती-अंधेरी जिंदगी में,रौशनी लाती। परिचय-निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। … Read more