अभिमान है हिंदी

अनूप कुमार श्रीवास्तवइंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** देश की जुबान है हिंदी,हिंदुस्तान की शान है हिंदी। कह दो कि सबकी पहचान है हिंदी,इस दिल से निकली ईमान है हिंदी। हिमाला मुकुट बना भारतीं के भाल पर,माँ के माथे है सजी स्वाभिमान की बिंदी। आज़ादी के ख्वाब में हिंदी भी लड़ी थीं,पग-पग में संग-संग थीं बलिदान है हिंदी। हिंदी … Read more

आपदा में नहीं,मानवता में अवसर तलाशें

रोहित मिश्रप्रयागराज(उत्तरप्रदेश)*********************************** आज पूरा विश्व ‘कोरोना’ महामारी से त्रस्त है।महामारी में जहाँ लोग एक-दूसरे की मदद करते हुए दिखाई दे रहे हैं,वही कुछ लोग इसमें भी अवसर तलाश रहे हैं। कहने का आशय यह है कि महामारी में कुछ लोगों में मानवता मर-सी गर्ई है। इस महामारी के समय कालाबाजारी,जमाखोरी व मुनाफाखोरी चरम पर है। … Read more

नित दीप्त रहो

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** नित दीप्त रहो तम क्या रहना,सुन रात नहीं दिन का कहना। पथ कंटक दूर करो कर फूल,सुनो कुछ और नहीं चुनना। सदराह चलो पग और न मार्ग,समझो तुमको न कभी चलना। सुनना माधुर्य कान सदा,तुम दूर सदा चुगली रहना। नयना तुम सुंदरता जग की,निरखो कुछ और नहीं तकना। मति अहार विहार भला रखना,शुभ … Read more

न डर,गुजर जाएगी

संजय यादव ‘बाबा’इंदौर (मध्यप्रदेश)******************************** ये तो एक आपदा है न डर,गुजर जाएगी,न तू गुजरेगा-न में गुजरूँगा,आपदा है गुजर जाएगी। हिंदुस्तानी है हौंसला बुलन्द रख,न तू डर-न में डरुँ,किस-किस को निगल लेगी ये,ये न तुझे पता-न मुझे पता,हौंसला तो रख॥न तुझे पता था न मुझे पता था,वो (मौत) किधर से आएगी,चन्द दिनों,घण्टों-पलों में जाने किस-किसको निगल … Read more

नवप्रभात आएगा

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* निशी के बंधन को तोड़ नवप्रभात आयेगा।सूर्य की लालिमा से अब यह निखर जायेगा॥ पेड़ों पर कुछ नई अब कोपलें खिल जायेंगीं,कलियां फूल बनकर एक नया गीत गायेगीं।भंवरा भी आकर अब प्रभाती गीत गायेगा,निशी के बंधन… रूप की सरिता वसुंधरा भी अब बहायेंगी,आँचल में खुशियां लिये यह कुछ गुनगुनायेगी।सूरज नव प्रकाश बन … Read more

इसके पहले कि हम…

डॉ.सोना सिंह इंदौर(मध्यप्रदेश)************************************** इसके पहले कि हम,भूल जाते अपनों कोदादी-नानी दादा-नाना को,काका-काकी,मामा-मामी कोरिश्तों में भाई-बहन,बुआ-भतीजेऔर मामा-भांजे को। इसके पहले कि हम,भूल जाते जीने वाले लम्हों कोखुलकर ठहाके लगाने वाले,मोहल्ले वालों कोदोस्तों और उनके घरवालों को,काॅलेज और स्कूल के बीते जमाने को। इसके पहले कि हम,भूल जाते अपने एहसासों कोबुजुर्गों के आर्शीवाद को,उनकी ममता,प्रेम और त्याग कोपरस्पर … Read more

श्रमजीवी हैं मूक-बधिर

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ********************************** मूक-बधिर जन श्रमजीवी हैं,हो शुभकामना।कर्म क्षेत्र में हों मेहनती,सह कर थामना॥ बुद्धि तेज अति भाव विचारक,उनको साथ दें।क्षमता करना उनसे मुश्किल,बस सह हाथ दें॥चलें साथ में लेकर जग में,करें नहीं मना।कर्म क्षेत्र में हों मेहनती,सह कर थामना॥ मूक-बधिर जन श्रमजीवी हैं,हो शुभकामना।कर्म क्षेत्र में हों मेहनती,सह कर थामना॥ परिचय-डॉ.धाराबल्लभ पांडेय का … Read more

मुस्कुराना पड़ा

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* जीवन के कई अंधेरों में,आशदीप जलाना पडा़अपनों की पीड़ा हरने को,दर्द अपना छुपाना पडा़मुझे जी मुस्कराना पडा़। नहीं होता आसां छुपाना,सुख के पुष्प देते आनंदकाँटे मिले चुभते अनेक,अपनों की शक्ति के लिएसाहस गीत गाना पडा़। जीवन में हैं कर्म अनेक,सुन पीड़ित दर्दभरी आहेंदेख के संभालने को उन्हें,टूटे ना उनका मनोबलसांत्वना … Read more

बात करें सरकार और किसान

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* किसान आंदोलन को चलते-चलते ६ महीने पूरे हो गए हैं। ऐसा लगता था कि शाहीन बाग आंदोलन की तरह यह भी ‘कोरोना’ के रेले में बह जाएगा लेकिन पंजाब,हरियाणा और पश्चिम उत्तरप्रदेश के किसानों का हौंसला है कि अब तक वे अपनी टेक पर टिके हुए हैं। उन्होंने आंदोलन के ६ महीने … Read more

बदलता समय और दिनचर्या

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************** ‘कोरोना’ महामारी का कहर चीन के काले कारनामों से फलित हो धीरे-धीरे समस्त विश्व को अपने आगोश में करीब डेढ़ बर्ष से समेटे आ रहा है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। कोरोना का धीरे-धीरे पर फैलाना भारत के बड़े शहरों में शुरू हो गया था। भारत सरकार ने … Read more