रंग प्रीत के

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** रंग प्रीत के डाल के,मले गुलाली माथ। खेल रहे होली यहाँ,राधा मोहन साथ॥ बरसाना में धूम हैं,नाच रहे सब ग्वाल। गोप गोपियाँ मल…

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ब्रह्माण्ड का न्यासी सन्यासी

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** भोला शंकर औघड़दानी ब्रह्माण्ड का पालन कर्ता, जीव जीवन आत्मा का परमात्मा कराल विकराल महाकाल शिवा सत्य सत्यार्थ। तन में भस्म लगाये पहने मृगछाला,…

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कोरोना’ संबंधी जानकारी देश की भाषा में न देने की महिला द्वारा शिकायत

प्रति, संयुक्त सचिव (प्रशासन) स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय, नई दिल्ली महोदय, मंत्रालय की वेबसाइट पर 'कोरोना' विषाणु से संबंधित जानकारी केवल अंग्रेजी में दी गई है, मंत्रालय की प्रेस…

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प्रेम पगे प्रश्न

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** नैन कटारी मार मुझे घायल कर जाती हो बोलो। रातों में सपनों में आकर चैन चुराती हो बोलो। तेरी यादों की झंकारों में धड़कन भी…

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एकता

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* अब हमारे गाँव में एकता नहीं रही, इन्सानों के दिल में नेकता नहीं रहीl होलिका दहन करते थे सब साथ मिलकर, अब खर-कतवार जुटाने की…

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अब यह होली कैसे खिले

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** हाथों में सम्भाले रंगों को,गालों पर कैसे मलें देख एक-दूजे को जब पड़ रहे हों ये चेहरे पीले, दुश्मन बन बैठै हों जब एक-दूसरे के…

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`बंबई` के `मुंबई` बनने तक बहुत कुछ बदला…..

तारकेश कुमार ओझा खड़गपुर(प. बंगाल ) ********************************************************** `बंबई` के `मुंबई` बनने के रास्ते शायद इतने जटिल और घुमावदार नहीं होंगे,जितनी मुश्किल मेरी दूसरी मुंबई यात्रा रही...l महज ११ साल का…

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कुनबा

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* कुुनबा- बातें बीती वक्त भी,प्रेम प्रीत प्राचीन। था कुनबा सब साथ थे,एकल अर्वाचीन। एकल अर्वाचीन,हुए परिवारी सारे। कुनबे अब इतिहास,पराये पितर हमारे। शर्मा बाबू लाल,घात प्रतिघात…

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उड़े अबीर-गुलाल

सौदामिनी खरे दामिनी रायसेन(मध्यप्रदेश) ****************************************************** रंग-बिरंगी होली आई,उड़े अबीर-गुलाल, जोगीरा सारा रा रा, पहली पहली होली में,जीजू आए ससुराल। रुई भर-भर के पूरी पकाई,चाय में डाली मिर्ची लाल, जोगीरा सारा रा…

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मेरी तमन्ना

डॉ.विजय कुमार ‘पुरी’ कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश)  *********************************************************** लड़की वह गोरी होय,भरी हुई तिजोरी होए, पढ़ी भरपूर होए भई,हो जैसे कोई नायिका। रहे मुझको निहारती,पपीहे-सी पुकारती, हो जाऊं मैं शरारती,बन भँवरा…

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