ठंड से वजनी

मीरा जैनउज्जैन(मध्यप्रदेश) ************************************************ शिक्षिका ने आवाज दी-'अरे मुन्नी! आज धूप भी नहीं है,इस कड़कड़ाती ठंड में वहां सिमट कर चुपचाप क्यों बैठी हो! देखो सारे बच्चे भागा-दौड़ी कर रहे हैं।…

Comments Off on ठंड से वजनी

बालिकाओं की सुरक्षा के लिए परिवार-समाज को आगे आना होगा

डॉ.प्रभात कुमार सिंघलकोटा(राजस्थान)************************************ एक विदूषी महिला को कहते सुना-आखिर हमारा भी वजूद है,हम खाली प्याले की तरह नहीं जो चाय पी और खत्म शो। उनके इन शब्दों में विकासशील कहे…

Comments Off on बालिकाओं की सुरक्षा के लिए परिवार-समाज को आगे आना होगा

फिर जीवन की क्यारी महके

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ************************************ परम पिता परमेश्वर का,जब ब्रम्ह देव ने ध्यान कियाप्राप्त प्रेरणा से प्रेरित हो,प्रकृति पुरुष निर्माण किया। नर-मादा से युक्त सृष्टि में,सचराचर,जड़,चेतन हैंयही जगत की रीति-नीति है,शाश्वत नियम…

Comments Off on फिर जीवन की क्यारी महके

ईश्वर के ही रूप हैं अन्नदाता

नीलू चौधरीबेगूसराय (बिहार)*************************************** अट्टालिकाओं में रहने वालों,तुम खरीदते हो ऑनलाइनपैकेट बंद अनाजकैसे महसूसोगे किसानों के दर्द को ?तुम्हें नहीं पता,वो कैसे उगाते हैं खेतों में अन्न ?कर्जे का बोझ सर…

Comments Off on ईश्वर के ही रूप हैं अन्नदाता

गुणतंत्र वाली हमारी गणतांत्रिक प्रणाली

राकेश सैनजालंधर(पंजाब)********************************** देश आज अपने गणतंत्र होने की वर्षगांठ मना रहा है। हमारे संविधान निर्माताओं,नीति निर्धारकों, स्वतंत्रता सेनानियों,क्रांतिकारियों ने देश के लिए जो सपने देखे,उनकी पूर्ति करने का कार्य फलीभूत…

Comments Off on गुणतंत्र वाली हमारी गणतांत्रिक प्रणाली

पतवार को मत दोष दे

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* यदि नाव में सुराख है पतवार को मत दोष दे।शोला नहीं तू राख है अंगार को मत दोष दे। यूँ आग से खेले नहीं अब भी…

Comments Off on पतवार को मत दोष दे

जरा याद करो कुर्बानी

विनय कुमार सिंह ‘विनम्र’ चन्दौली(उत्तरप्रदेश)***************************** भयानक मंजरों के दौर से,गुजरा हुआ अपना वतन,जालिमों के जुल्म से,लूटा हुआ है ये चमन। बस शिकस्तों पे शिकस्तों,का धरा पर अवतरण,कुछ शहीदों ने न्यौछावर,कर दी…

Comments Off on जरा याद करो कुर्बानी

लोकतंत्र को कैसे मिले नेतातंत्र से मुक्ति

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* हमारे ७२ वें गणतंत्र दिवस पर हम ज़रा गहरे उतरें और सोचें कि हमारे गणतंत्र की सबसे बड़ी चुनौती क्या है ? क्या यह नहीं कि वह…

Comments Off on लोकतंत्र को कैसे मिले नेतातंत्र से मुक्ति

मूलमंत्र आजादी

राजेश पुरोहित झालावाड़(राजस्थान) ************************************** आत्मबल अंतर में रख जिसने स्वतंत्रता दिलाई थी,गौरों को सबक सिखाकर जिसने वीरता दिखाई थी। आज़ादी जिसका मूलमंत्र कसम देश की खाई थी,नेताजी संग नौजवानों ने…

Comments Off on मूलमंत्र आजादी

सोया नाहर छेड़ता,देश पड़ोसी चीन

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’मुंबई(महाराष्ट्र)*********************************************** दोहा-पंचशील सिद्धांत का,शाँति अहिंसा मूल।बबुआ अंतस में खिलें,नित्य नेह के फूल॥ चौपाईयाँ-बबुआ खल को कौन विधाना।शाँति दूत को कायर माना॥ बार-बार जो रोष जतावे।कारण और अकारण आवे॥…

Comments Off on सोया नाहर छेड़ता,देश पड़ोसी चीन