कब तक जलेंगे रावण और होलिका ?

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)***************************************************** प्रत्येक वर्ष दशहरे पर रावण का दहन और होली पर होलिका का दहन आदिकाल से करते आ रहे हैं और यह प्रथा आज भी जारी…

0 Comments

उर से करो भक्ति

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** अभिनंदनपधारो माता रानीकरूँ वंदन। हे शैलपुत्रीअँधियार मिटे यूँज्यों दुर्तगति। ब्रह्मचारिणीकरती माँ भलातपश्चारिणी। हे चंद्रघण्टासेवा का देती फलबजाएं घंटा। माँ कूष्माण्डाउर से करो भक्तिहरेगी पीड़ा। स्कन्दमाताधन-धान्य भरनागहरा नाता।…

0 Comments

माँ दुर्गा आती है मायके

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* चले जब मृदु पवन कांस फूल डोले वन वन,पर्वत के ऊपर से श्वेत झरना बहे छम-छमलगे जैसे शरद ऋतु उतरे हर आँगन,हरसिंगार महक उठे प्रति क्षण।…

0 Comments

नवरूप

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* प्रथम रूप है अंब का, शैलसुता है नाम।सब जन मंगलकारिणी, रूप बड़ा अभिराम॥ ब्रह्मचारिणी मात है, दूजा दुर्गा रूप।चंद्रघंट है तीसरा, मस्तक चंद्र अनूप॥ कूष्मांडा है…

0 Comments

बनो सहारा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* जिसकी ममता की छाँव तले हम,जन्मे जीवन तन श्वांस सृजित हैंपावन नैनाश्रु जल से नहाकर हम,वक्षस्थल स्नेहिल क्षीर पलित हैं। बचपन लालित-पालित ममतांचल,निर्भय नटखट…

0 Comments

तेरे आने से

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* 'तेरे आने से' श्याम, भूल जाती हूँ घर का काम,जाने कैसा जादू किया, जपती हूँ सदा तुम्हारा नाम। श्याम तुम्हारे ही कारण, सदा हो जाती हूॅ॑…

0 Comments

भगवती कात्यायनी

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** भाग-६... छठी शक्ति कात्यायनी,कात्यायन की नंदिनीचंद्रोज्जवला भव्यता,माँ दानवघातिनी। स्वर्ण वर्ण, आभामय,चतुर्भुजी मुद्रा अभयतलवार, कमल लें,माँ शार्दुलवाहिनी। व्रजमंडल की देवी,राधे-गोपियों ने सेवीअर्थ, धर्म, काम, मोक्षचार…

0 Comments

बाल अधिकार जगाती ‘पोशम्पा’

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** पुस्तक समीक्षा... एक दौर था, जब गली-मुहल्ला ही नहीं, घर-आँगन भी बच्चों के खेलों और उनकी चिल्ल-पों से भरा रहता था। कहीं लट्टू, कंचे, तो…

0 Comments

न मिला करार-ए-दिल

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* ग़ज़ल विधान में-ए-की मात्रा नगण्य, ११२१२, ११२१२, ११२१२, ११२१२... न किसी से प्यार मिला मुझे, न दिया किसी ने करार-ए- दिल।न किसी ने दी वो…

0 Comments

भक्ति में शक्ति

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* शक्ति, भक्ति और दिखावा... मेरे एक मित्र हैं श्रीराम सिंह। उनके ७ बेटे हैं, पर बेटी के लिए दोनों प्राणी तरसते रहते हैं। १…

0 Comments