नारी तेरी अमर कहानी
पंकज भूषण पाठक ‘प्रियम’ बसखारो(झारखंड) *************************************************************************** जो समझो तो कविता हो, बूझो तो अमर कहानी हो। नारी तुम त्याग समर्पण, करती बलिदान जवानी हो। नारी!तुम श्रद्धा समर्पण जीवन, सृष्टि जीवन गढ़ती कहानी हो। आँचल में दूध आँखों में पानी, सृष्टि जीवन की तुम कहानी हो। नारी! तुम अब नहीं रही अबला, समानता युग की तुम … Read more