डॉ.गर्ग ‘विज्ञ’ सम्मानित

सिरोही। राजस्थान पेन्शनर्स समाज,रेवदर,सिरोही (राजस्थान) का स्नेह मिलन एवं सम्मान समारोह तहसील परिसर रेवदर में हुआ। समारोह में साहित्यकार डॉ. छगन लाल गर्ग ‘विज्ञ’ (जीरावल,सिरोही,राजस्थान) को साहित्य संगम संस्थान( नई दिल्ली) द्वारा ‘विद्या वाचस्पति’ की मानद उपाधि मिलने पर उन्हें सम्मानित किया गया।

हवाई हमला,वयं पंचाधिकम् शतम्

राकेश सैन जालंधर(पंजाब) ***************************************************************** अर्थात् हम सौ और पांच नहीं,एक सौ पांच हैं। अपने मुखिया की कन्या से दुर्व्यवहार के बाद गंधर्वों द्वारा दुर्योधन को बंदी बनाए जाने का समाचार सुनते ही धर्मराज युधिष्ठिर अपने अनुज भीम को उसे मुक्त करवाने का आदेश देते हैं। कौरवों की दुष्टता का संदर्भ देते हुए भीम जब गांधारी … Read more

नारी नारी से हारी है

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… नारी से हारी नारी है, यह कैसी लाचारी है। दहेज परहेज की बात सदा, करती केवल नारी है। अत्याचारों की ज्वाला से, नित जलती बस नारी है। प्रसव पीड़ा परिहास बनी, नारी ने जन्मी नारी है। तात गृह से विदा हुई जब, नारी बनी बिचारी … Read more

नसीहत

विजयसिंह चौहान इन्दौर(मध्यप्रदेश) ****************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… सरला,महज २० साल की है..पारिवारिक जिम्मेदारियों ने कागज-कलम के स्थान पर झाड़ू पकड़ा दी। चार-पाँच जगह काम करके गुजर-बसर होता है परिवार का। आज सुबह जब अंकल जी अपनी बेटी मेघा को समझा रहे थे,तो बरबस सरला के कान खड़े हो गए। मेघा यही कोई २०-२१ … Read more

बसंती बयार

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** मेरे पिया गये परदेश, सखी री मेरा मन तरसे बसंती रंग बरसे, जिया में कैसे रंग हरखे। सरसों बढ़ती अरहर बढ़ती, गढ़ती नहीं कहानी राह ताकते हो गई उमर सयानी, टूट गये सब्र के फूल मन पुलके तन हरसे, बसंती रंग बरसे। बौर फूलते गेंदा हँसते, महुआ भी यदमात कौन … Read more

मुस्कान है नारी

कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’ इन्दौर मध्यप्रदेश) ********************************************* ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… नारी जीवन का संबल है, और संबल ही नारी है। नारी नहीं है शब्द का मुखडा़, सब परिभाषा नारी है। नारी शब्द में खुशबू भरी है, चम्पा,चमेली,मोगरा की नारी नहीं बस वह इस धरा की, जीवन पालनहारी है। नहीं कभी भी मुरझाई है, नहीं … Read more

शकुंतला ने कब दुष्यंत को छोड़ा था…

डॉ.नीलिमा मिश्रा ‘नीलम’  इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) ************************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… शकुंतला ने कब दुष्यंत को छोड़ा था, सीता ने कब राम को पथ में छोड़ा था। यशोधरा की ग़लती मुझे बताओ तुम, सहा उर्मिला ने जो दर्द मिटाओ तुम॥ त्याग दिया नारी को कष्ट सहा उसने, हर क्षण प्रतिपल प्रतिपद दर्द सहा उसने। … Read more

बसंती हवा

सुनीता बिश्नोलिया चित्रकूट(राजस्थान) ****************************************************** इठलाती-मुस्काती गाती,बिन सरगम के गीत, चली बसंती हवा ढूंढने,अपने मन का मीत। तरु की हर डाली छूकर,बागों में चले मचलती, सांय-सांय के सुर में गा,बासंती रंग बिखराती। कोमल-पर्ण फुल्लित पुष्पों से,सजा तरु का गात, हरी-भरी वसुधा पर होती,रंगों की बरसात। पवन बसंती चली खेत में,फूल रही हर क्यारी, सरस रहे खेतों … Read more

सुकून

सुषमा मलिक  रोहतक (हरियाणा) ************************************************************************************* लंबे अरसे के बाद आज की रात हम सुकून से सोए हैं, भूलकर सारी दुनिया को फिर से हम खुद में खोए हैं। चैन भी नहीं मिला नींद भी मुक्कमल नहीं थी.., बीत जाती जो घड़ी लगा कि बस वही सही थी..। कुछ बातें थी अनकही कुछ पर तो मैंने … Read more

‘अमर अकबर एंथोनी’…यादों के झरोखे से

इदरीस खत्री इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************* भाग २……… ‘अब तक छुपाए रखा,शोला दबाए रखा, देख के तुमको दिल बोला है हमको तुमसे हो गया है प्यार…’ यह वह लाजवाब गाना है जिसमें देश के महानतम गायकों का एक गुलदस्ता था,जो फ़िल्म इतिहास में केवल एक बार हो पाया था। गाना गाया था मुहम्मद रफ़ी,लता मंगेश्कर, किशोर कुमार … Read more