पुस्तक ‘स्वस्थ एवं सुखी जीवन के अनमोल सूत्र’ आचार्य श्री को समर्पित
भोपाल (मप्र)। मनुष्य यदि अपने लक्ष्य की प्राप्ति करना चाहे तो उसके लिए निरंतर प्रयत्नशील होना चाहिए, इसी के तहत लेखक डॉ. अरविन्द जैन की आठवीं पुस्तक 'स्वस्थ एवं सुखी…
भोपाल (मप्र)। मनुष्य यदि अपने लक्ष्य की प्राप्ति करना चाहे तो उसके लिए निरंतर प्रयत्नशील होना चाहिए, इसी के तहत लेखक डॉ. अरविन्द जैन की आठवीं पुस्तक 'स्वस्थ एवं सुखी…
जबलपुर (मप्र)। सशक्त हस्ताक्षर की १५वीं काव्य गोष्ठी श्री जानकी रमण महाविद्यालय में सानंद हुई। इसमें विषय 'सावन की घटा' को लेकर खूब काव्य रस बरसा।सशक्त हस्ताक्षर के सचिव कवि…
गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)********************************************* सहज व सुलभ उपलब्ध सामाजिक संचार माध्यम (सोशल मीडिया) ने सभी क्षेत्रों में क्रान्तिकारी उथल-पुथल मचा रखी है। इससे साहित्य जगत भी अछूता नहीं है। आजकल…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सावन आया मन रहा, बूंदों का त्योहार।मौसम को तो मिल गया, क़ुदरत का उपहार॥क़ुदरत का उपहार, दादुरों में खुशहाली।खेतों में मुस्कान, सिंचाई है मतवाली॥मेघों का उपकार,…
प्रयागराज (उप्र)। 'हिंदी दिवस' (१४ सितंबर २०२३) को प्रयागराज की ५ साहित्यिक संस्थाओं द्वारा संयुक्त रूप से हिंदी साहित्यकारों कवियों, लेखकों, और पत्रकारों का सम्मान करके अभिनंदन पत्र भेंट किया…
डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* रचनाशिल्प:३२ वर्णों के ४ समतुकांत चरण, १६, १७ वर्णों पर यति अनिवार्य, जबकि ८, ८, ८, ८ पर यति उत्तम। संयोजन-२२२२, ३३२, २३३ बम बम भज…
आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** नीर की महिमा जानें आप।धरा का सहे निरंतर ताप॥श्रेष्ठ जल ही बस है आधार।समझ ले इसका क्या है सार॥ व्यर्थ न कभी करें बर्बाद।करें दीनों को हरपल…
पटना (बिहार)। आज सोशल मीडिया पर लघुकथाओं की उपस्थिति के कारण इसकी पहुंच विश्व के किसी भी कोने में रह रहे पाठकों के बीच आसानी से हो गई है, साथ…
डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)******************************************* साहूकार को हमेशा कर्ज़दार अधिक प्यारा लगता है। कारण उसके कारण कर्ज़दार उसके प्रति वफादार होता है और उसकी आय का जरिया होता है। दोस्ती में सिर्फ चाय-पानी…
दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* मैं नुपुर हूँ,मैं बजती रहती हूँबजना ही मेरा काम हैकभी अपनों के बीच,कभी गैरों के बीचकभी मैं स्वयं बजती हूँ,कभी बजाई जाती हूँ। क्या…