फिर चमन है मुस्कुराया

कवि योगेन्द्र पांडेयदेवरिया (उत्तरप्रदेश)***************************************** गीत भौंरा गुनगुनाया,साथ में बसन्त आयाहो गए हैं दिन बहुत,पिय की मिलती न सुधचित पे क्यों दुःख है छाया,फिर चमन है मुस्कुराया…। बादलों की ओट से,बिजलियों…

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मृग-तृष्णा

सच्चिदानंद किरणभागलपुर (बिहार)**************************************** रेगिस्तान में तप्ती रेतकी ऊष्म हवाएँ,बह रही मृग-तृष्णा की भांतिजीवन-पथ के उस ओर,जहां मृग तृप्त हो जातीप्यास बुझा के। बियाबान‌ मरूभूमि केऊहां‌-टोंह में ऊँट की,सवारी ही एक…

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साहित्य महोत्सव में गूँजी शीतल देवयानी की वाणी

इन्दौर (मप्र)। भारत-नेपाल मैत्री को मजबूत करने और दोनों देशों के बीच साहित्यिक साहचर्य को बढ़ाने के लिए नेपाल के बिराटनगर में दोनों देशों के करीब ३०० चुनिंदा साहित्यकार पहुंचे,…

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जीवन का संबल माँ

डाॅ. अरविंद श्रीवास्तव ‘असीम’दतिया (मध्यप्रदेश)********************************************************** जब भी भटका हूँ मैं पथ से राह मुझे दिखलाती माँ।बुरे दिनों के बादल आते, उनसे हमें बचाती माँ। कितनी पीड़ा सहकर माता, हमको जग…

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भाई बिना हूँ अधूरा

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** पिता की सी छत्र-छाया,माता का सा दुलार हैमेरा बड़ा भाई मेरे लिए,उन्नति का आधार है। संयम संतोष धैर्य की मूर्ति,कर्तव्य पथ की बयार हैपिता की सी जिम्मेदारी,मेरी…

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गणतंत्र दिवस:स्पर्धा में डॉ. एन.के. सेठी ‘नवल’ एवं हेमराज ठाकुर बने प्रथम विजेता

इंदौर (मप्र)। हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा निरन्तर स्पर्धा कराने की कड़ी में 'गणतंत्र दिवस:देश और युवा सोच' विषय पर ६४ वीं स्पर्धा कराई गई। इसमें पद्य वर्ग में डॉ.…

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मुस्कुराना किसको आता है

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* सलीक़े से सनम-सा मुस्कुराना किसको आता है।मुहब्बत का तराना गुनगुनाना किसको आता है। यतीमों नातवानों को बसाना किसको आता है।ग़रीबों को हुकूक़ उनके दिलाना…

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सुमिरन शिव नाम

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** श्री शिवाय नमस्तुभ्यम (भाग-२)... इक लोटा जल ले चलो, बेल पत्र भी साथ।करो समर्पित प्रेम से, खुश फिर भोलेनाथ॥ शिव शंकर आराधना, करो सुबह अरु…

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रोशनी

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** मैंने देखी ही नहीं,रंगों से रंगी दुनिया कोमेरी आँखें ही नहीं,ख्वाबों के रंग सजाने को। कौन आएगा, आँखों में समाएगा,रंगों के रूप को जब दिखाएगारंगों पे इठलाने…

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कुछ दोस्त हैं मेरे

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* कुछ दोस्त हैं मेरे-अच्छे, सच्चे, कच्चे, गच्चे और बिचके,पांच उंगलियों की तरह अलग-अलगअजब-गजब, तुनक-मिजाज, प्यारे-न्यारे,लगभग हर प्रकार के ये अजीज दुलारे। कुछ दोस्त हैं मेरे-उनके मन…

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