यही ज़िन्दगी है

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* कहीं ग़म हज़ारों कहीं हर ख़ुशी है।यही ज़िन्दगी है यही ज़िन्दगी है। महज लफ्ज़ अच्छे नहीं यार काफी,दिलों को  जो  भाये  वही शायरी  है।…

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सफ़र

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** जिंदगी के सफ़र में आगे बढ़तेरहने के लिए,एक मजबूत इरादों से भरपूरजज्बा और जुनून,बेशक जरूरी हैयह वक्त का दस्तूर,अरसे से चली आ रहीरस्म अदायगी के लिए,बन चुकी मजबूरी है।…

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तपस्या

डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** कहते जग में लोग हैं, माँ हैं बहुत महान।पापी भी तरते यहाँ, पूजे सकल जहान॥पूजे सकल जहान, जगत जयकारा करता।आता जो दरबार, उसी की झोली भरता॥पाते दया महान,…

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विश्व संभ्रांत समाज की परिकल्पना सार्थक हो

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** राम नवमी विशेष.... सनातनी संस्कृति सदा से ही 'आत्मवत सर्व भूतेषु' तथा 'वसुधैव कुटुंबकम्' का संदेश देती रही है,- "सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे संतु निरामया।सर्वे भद्राणि पश्यंतु,…

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रचनाकार पहले लघुकथा समीक्षा की पुस्तक को अवश्य पढ़ें-सिद्धेश्वर

पटना (बिहार)। किसी बड़ी पत्र-पत्रिका में लघुकथा का प्रकाशन हो जाना ही लघुकथा समीक्षा का पैमाना नहीं माना जा सकता। आज ढेर सारे पत्र-पत्रिकाएं हैं जो लघुकथा और लघु कहानी…

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स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र का व्यवसायीकरण: चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ

डॉ. नेहा शर्मा चौधरी इंदौर (मध्यप्रदेश)******************************* स्वास्थ्य सेवा (हेल्थ केयर) विश्व स्तर पर सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है, और यह लोगों के जीवन को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका…

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अंगदान-नई जिंदगी

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** यह दान नहीं,जिंदगी की नई शुरुआत हैमानवीय मूल्यों का उन्नत संस्कार संग,एक खूबसूरत आत्मसात है। यह सामाजिक समरसता को,शीर्ष स्थान दिलाने के साथ-साथअहम् त्याग की सीख और,सुख की बातें…

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राम नाम यशगान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* राम नाम है वंदगी, राम नाम यशगान।राम नाम सुख-चैन है, नित्य धर्म का मान॥ राम नाम तो ताप है, राम नाम में साँच।राम नाम यदि संग…

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देश की नई पहचान बनेगा उज्जैन साहित्य महोत्सव-श्री फिरोजिया

उज्जैन (मप्र)। भारतीय संस्कृति को नष्ट करने के लिए अनेक आक्रमण हुए, किंतु इस देश ने पूरी दुनिया को 'वसुधैव कुटुंबकम्' के माध्यम से बांधकर रखा। नए दौर में योग…

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हिन्दी:प्रचार की वर्तमान पद्धति बदलने की जरूरत

रामवृक्ष सिंह*************************** हिन्दी प्रचार की वर्तमान पद्धति अब कारगर नहीं रही। इसे बदलने की जरूरत है। कुछ हिन्दीदां मिलकर परस्पर हिन्दी का गुणगान करें, उसका चालीसा पढ़ें और आरती उतारें,…

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