निशा ढलती रही

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ निशा इस तरह से ढलती रही,चंद्रमा की अठखेलियों सेप्रच्छन रजनी,ठुमकती सी चलती रही। सलल्ज चाँद अपनीस्निग्ध छटा बिखेरता रहानिशा…इस तरह से…। उन्मुक्त बादल से ओस की…

0 Comments

तज दो मदिरापान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* तज दो मदिरापान तुम, वरना हो अवसान।मदिरा से दूरी रहे, तब ही हो उत्थान॥ बहुत बड़ा अभिशाप है, यह जो मदिरापान।तन को जो दूर्बल करो, हर…

0 Comments

बहारों के गीत गाता हूँ

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** मैं तो मरुथल में,फुहारों से गुनगुनाता हूँ।मैं तो पतझड़ में,बहारों के गीत गाता हूँ॥ जहां हर ओर चल रही हैं,नफरत की आंधियाँ।वहां सद्भाव, सहारों,के गीत गाता हूँ॥…

0 Comments

शासन व्यवस्था:समय और सभ्यता

शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र)************************************* निर्लिप्त दृष्टि से देखा जाए तो समय और सभ्यता में जो मनोवृत्ति उद्धृत हुई है, वह विच्छिन और द्विखंडित है। भारत में एक समय ऐसा था,…

0 Comments

अकादमी ने किया निदेशक डॉ. विकास दवे को ‘महाराष्ट्र भारती’ से अलंकृत

मुंबई (महाराष्ट्र)। २३ मार्च को महाराष्ट्र हिंदी साहित्य अकादमी ने पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया। इसमें अकादमी के सबसे बड़े प्रतिष्ठापूर्ण सम्मान 'महाराष्ट्र भारती' से साहित्य अकादमी मप्र के निदेशक…

0 Comments

सब छोड़ रहे उत्तम व्यवहार

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** दादा-दादी का गया दौर,न रहे उत्तम संस्कारभागम-भाग की दुनिया में,हम सब छोड़ रहे उत्तम व्यवहार। छोटी-छोटी कहानियाँ थी,उत्तम सीख हम पाते थेघर के बुजुर्गों को सम्मान,खुशी से दे पाते…

0 Comments

यादों का झूला

अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)************************************** यादों का झूला,सपनों का झोलाझूले इसके साथ,मन डोला रे डोला। महीना सावन का,भीगी रात की यादेंपल वह जादू भरे,मन कभी न भूला। कितने तूफान आए,तबाही करके गएअपने जो…

0 Comments

सहेजो देश

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** हुए शहीद,चाहा देश आजाद-किया संघर्ष। भगत सिंह,दे कर बलिदान-पाई आजादी। देख गुलामी,डटकर लड़े यूँ-अर्पित शीश। हुए अमर,ना भूलो बलिदान-करो स्मरण। वतन प्यारा,हम ऋणी उनके-अमन प्यारा। सहेजो देश,कीमती…

0 Comments

राजस्थान में ‘राजस्थानी’ की राजनीति

राजस्थान में अंग्रेजी विद्यालय.... *डॉ. रामवृक्ष सिंह (महाप्रबंधक, सिडबी)◾राजस्थान में हिन्दी चल रही है। अब आजादी के पचहत्तर वर्ष व्यतीत कर लेने के बाद राजस्थानी को राज-काज में लागू करना…

0 Comments

प्लास्टिक है जहाँ, खतरा वहाँ

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** कोका कोला हर साल ३० लाख टन प्लास्टिक का इस्तेमाल करती है, यह कोई चौंकाने वाली बात नहीं है। हर साल ५० हजार करोड़ पीईटी बोतल का उत्पादन…

0 Comments