प्रतिरोध की ज़रूरी कविताओं के कवि हैं कुम्भज

इंदौर (मप्र)। कुम्भज जी की कविताएँ पाठक को विचार से जोडती है। ये कविताएँ आपको जन समाज से जोड़ती हैं, जिनमें प्रतिरोध को स्पष्टता से देखा जा सकता है।वरिष्ठ व्यंग्यकार…

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मैं जीवन में कुछ कर न सका

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** साहित्य सृजन से क्या होता है ?इससे किसी का पेट भर न सका,'सरस्वती' के बदले 'लक्ष्मी' कामैं आराधन कर न सका,मैं जीवन में कुछ कर न…

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बेरुखा पतझड़

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* पुराने पत्ते का वृक्ष से गिरना,कहलाता है पतझड़ का होना। परिवर्तन की है निशानी पतझड़,नए के आने की सूचना पतझड़। पेड़ के वस्त्र बदलने…

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सब देते हैं

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* वक्त ज़रूरत सब देते हैं।माँगो लाख़ अरब देते हैं। सबसे पूछें नाम पता पर,अपना परिचय कब देते हैं। बनें रुकावट काम करें तो,ताने लेकिन…

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तपती धरती और अस्तित्व

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** यह अस्तित्व पर सवाल खड़े कर रहा है,जन-जन तक पहुंच रहा हैआखिर क्यों ?इसके रहस्य को उजागर करने में सक्षम बनें हम,मानवता को खत्म करने में लगा हुआ है…

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भारत माता की वंदना

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* आओ,बच्चों! तुमको मैं भारत की बात बताता हूँ,बहती है गंगा-यमुना, मैं गीत वहाँ के गाता हूँ। पर्वतराज हिमालय जिसके हर संकट को हरता है,तीन ओर का…

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मधुमेह में लाभकारी आम के पत्ते

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** आम को हमारे यहाँ फलों का राजा कहते हैं। आम के कई प्रकार होते हैं और हमारे यहाँ कई धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम में आम के पत्ते की वंदनवार…

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एक औषधि है ‘सत्य’

शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र)************************************* भौतिकवादी युग में सत्य उतने तक ही लोकप्रिय है, जितनी सत्यता की आवश्यकता है। सत्य सकारात्मक मनोभावों का सहायक संचारी साधन है, लेकिन व्यावहारिक रूप में…

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कथाशिल्पी की संगोष्ठी में हुआ लघुकथा पाठ

पटना (बिहार)। फ्रेजर रोड स्थित हेम प्लाजा में 'चौथा इतवार-साहित्य समागम' की १८वीं कड़ी का आयोजन हुआ। रेणु जयंती के मद्देनजर यह कार्यक्रम कथाशिल्पी फणीश्वर नाथ 'रेणु' के नाम रहा।…

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कम होता जा रहा है पढ़ना और लिखना-इंदु उपाध्याय

गोष्ठी में संयोजक सिद्धेश्वर बोले-पुस्तक मेले में पुस्तक रखना मात्र फैशन रह गया पटना (बिहार)। आजकल साहित्य का स्तर गिरता जा रहा है। नाम कमाने के चक्कर में भूल रहे…

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