भारत की प्राचीन जल संस्कृति को जीवंत करें

ललित गर्गदिल्ली************************************** जल प्रदूषण एवं पीने के स्वच्छ जल की निरन्तर घटती मात्रा को लेकर बड़े खतरे खड़े हैं। धरती पर जीवन के लिए जल सबसे जरूरी वस्तु है, जल…

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आजादी के बलिदानी

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** सुखदेव, राजगुरु और भगत सिंह को फंदे पर लटकाया था,२३ मार्च के दिन को इसी लिए ही 'शहीद दिवस' मनाया था। भारत माँ के इन लालों…

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आज़ादी के मतवाले

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* जय सरदार भगत हूंकार जगत,आज़ादी के मतवाले शत्रुञ्जयजब सिंहनाद सुन भगत सिंह प्रवर,घबरा थर्राया शत्रु भीत पड़े। हे शौर्यपुत्र माँ भारत प्रणाम,जय भक्त राष्ट्र…

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सब देखते रहे

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* कुछ भी न थी ख़ता, सब देखते रहे।हमको मिली सज़ा, सब देखते रहे। तिनका तलक जला, सब देखते रहे।कुछ भी नहीं बचा, सब देखते…

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नमन लिखूं

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* कलम दर्द में डूबी हुई है,कैसे शहादत की कथा लिखूंहे मेरे देश के वीर सपूतों-शहीदों,आज मैं तुमको नमन लिखूं। तान सीना तुम खड़े होते…

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माँ दुर्गा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* माता जगदम्बे नमन्, सदा झुका मम् माथ।जननी तेरा नित रहे, मेरे सिर पर हाथ॥ नौ रूपों में आप तो, रहतीं हरदम भव्य।रोशन तेरी दिव्यता, महिमा हर…

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कवियित्री इंदु कुमारी पद्मा सम्मान से सम्मानित

दरभंगा (बिहार)। सखी साहित्य परिवार ने कवियित्री इंदु कुमारी को पद्मा सम्मान से सम्मानित किया है। सिमरा गाँव निवासी शिक्षिका इंदु कुमारी को अन्तर्राष्ट्रीय सखी साहित्य परिवार (बिहार) ने अंतरराष्ट्रीय…

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अंग्रेजी को प्रश्रय और हिंदी पर वार, वाह राजस्थान सरकार!

रविदत्त गौड़***************************** कुछ दिनों पूर्व राजस्थान विधानसभा में सरकार के एक मंत्री ने बयान दिया कि, "राजस्थानी को राजभाषा बनाने के लिए कानून की तैयारी:मंत्री कल्ला बोले-२० साल से केंद्र…

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प्रकृति कितनी शांत

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)******************************************* प्रकृति कितनी शांत, सरल हैसबके मन अति भाती हैपुष्प खुमानी धवल देख,धरती मन में इठलाती है। सरस, सुगंधित हवा चली,शीतलता है बरसातीझरने का जल अमृत जैसा,तन-मन की…

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है जिंदगानी

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** बचाएं जल,सोचो जीवन मूल्य-बचेगा कल। बचा पानी तो,जी सकेगा मनुज-है जिंदगानी। यूँ मत ढोलो,बिन पानी कुछ न-इसे संभालो। करो सचेत,हर बूँद अमोल-पड़ेगा रोना। पानी बचाओ,समझो, समझाओ-जीवन पाओ।…

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