जीतो जग पौरुष से

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* होना है जो सबका प्यारा।शिकवों का मत खोल पिटारा। शिकवे करते रहना हरदम,संबंधों को करना खारा। जीतो जग को अब पौरुष से,बनना मत हरगिज़…

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पंजीयन जारी, २१ वां अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन भूटान में

दिल्ली। २१ वां अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन पड़ोसी देश भूटान की राजधानी थिम्फ़ू में होगा। मुख्य सम्मेलन राजधानी थिम्फू व पारो में ४ जून से १२ जून २०२३ तक होगा। सम्मेलन…

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मुस्कान

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* आज की शाम बड़ी उदास है,किसी के लिए बड़ी प्यास हैकैसे मुस्कुराएं हम,दूर खड़ी मुस्कान है। बह रही आज बसंती बयार है,किसी को नहीं…

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शहीदों को नमन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* नीर नैन साश्रु नमन, पुलवामा बलिदान।श्रद्धांजलि सादर सुमन, शूरवीर सम्मान॥ कायर कातिल पाक खल, किया पीठ पर वार।परमवीर माँ भारती, कृति कृतज्ञ उपकार॥ बालासोर…

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आमजन को कब मिलेगा हक ?

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** शहरातियत की धक्कम-पेल, ठेलम-ठेल, रेलम-रेल और तिकड़मबाजी तो आज से पहले खूब देखी और सुनी थी पर अस्पताल में भी ऐसा परिदृश्य होता होगा, कभी सोचा…

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बाल साहित्य पर कराई राष्ट्रीय संगोष्ठी

वाराणसी (उप्र)। हिन्दी बाल साहित्य पर वाराणसी में २ दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी हुई। इसमें करीब २४ साहित्यकारों ने सहभागिता की। यह आयोजन सर्व सेवा संघ, इनरवायस फाउंडेशन (वाराणसी) व त्रिवेणी…

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असली खतरा ‘वैलेन्टाइन’ से नहीं, पिलपिले भद्रलोक से

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************* भारत सरकार के पशु-कल्याण बोर्ड ने पहले घोषणा की कि ‘वैलेन्टाइन-डे’ को ‘गाय को गले लगाओ दिवस’ के तौर पर मनाया जाए। जब घोषणा का जबर्दस्त मजाक…

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मंजुल ऋतु वधु-सी आयी…

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** मंद पवन हिंडोले में,सिंदूरी सी गोले मेंरख उमंग भर मंजूषा,मन भर आंनद तोले में।चलती हौले अलसायी,मंजुल ऋतु वधु-सी आयी…॥ छू हर हृदय हर्षाती,छुई-मुई-सी शर्मातीआम्र मंजरी श्रंगारित,टेशू अंजुल…

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जीवन बने आसान

उमेशचन्द यादवबलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** मत करना गरुर कभी, पाकर धन सम्मान,धन तो आवत-जावत है, रहत ना ठांव निदानजग तो कर्मों का मेला है, कर लो कर्म महान,सुकर्म की महिमा ऐसी है,…

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सौहार्द ही जरूरत

ललित गर्गदिल्ली************************************** प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'सबका साथ सबका विकास' का नारा दिया था। वे समय-समय पर इस जरूरत को रेखांकित करते हैं और इसी के मुताबिक योजनाएं तैयार करने…

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