मुक्तिधाम-जीवन का सत्य

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* जीवन का तो अंत सुनिश्चित, मुक्तिधाम यह कहता है।जीवन तो बस चार दिनों का, नाम ही बाक़ी रहता है॥ रीति, नीति से जीने में ही, देखो…

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उत्सव

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** आगत सुकुमार मृदुल है, लोचन राजीव मुकुल है,आये वनवास काट के, दर्शन को जन व्याकुल है। सज रहाभवन उत्सव-सा, स्वर चहल पहलनव-नव सा,मदिर-मदिर गुनगुन भुनभुन, मधुप गुंजारता…

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सम्मान संग कृति लोकार्पित समाचार में देना

कन्नौज (उप्र)। मकर संक्रान्ति के पावन पर्व पर चौधरी चंदन सिंह महाविद्यालय (कन्नौज) में प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इसमें विभिन्न क्षेत्रों और विधाओं की उत्कृष्ट प्रतिभाओं व समाज…

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जाने-माने साहित्यकारों ने किया एक से बढ़कर एक रचनाओं का पाठ

आगरा (उप्र)। साहित्यिक संस्था उद्‌गार काव्य मंच (आगरा) ने नियमित साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन एच.आई.जी. कॉलोनी (संजय प्लेस) में भव्य रूप से किया। कार्यक्रम में शहरभर के जाने-माने साहित्यकारों ने…

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आदर्श परिवार

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* पहले परिवार का अर्थमाँ-बाप, दादा-दादी,चाचा-चाची, ताऊ-ताई,काका-काकी, भाई-बहन,वगैरह-वगैरह।अभी परिवार का अर्थ,या अभी का परिवार,पति-पत्नी और बच्चे दो-चार। अपनापन का एहसास जहां,खुशियों का हो भंडार वहांसहयोग…

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२१ जनवरी को कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह

वाराणसी(उप्र)। विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ भागलपुर केन्द्रीय कार्यकारिणी द्वारा विद्या वाचस्पति विशेष मानद सम्मान एवं अखिल भारतीय कवि सम्मेलन २१ जनवरी रविवार को पूर्वाह्न १०-३० बजे से आयोजित किया जाएगा। यह…

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‘विश्व हिंदी दिवस’ पर कराई कविता-आलेख स्पर्धा

कोलकाता (पश्चिम बंगाल)। रामगोपाल सोहनीदेवी नागोरी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर कविता-आलेख प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह द्वितीय व अंतिम चरण रविवार को रोटरी सदन…

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उजालों का प्रतीक

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ आओ चलें हम सकारात्मक ऊर्जा की ओर,सूर्य का यह उत्तरायण उजालों का प्रतीक है। अन्धकार को भगाते हुए फिर आगे बढ़ते जाएं,आओ आसमान में पतंगें…

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तुम

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** तुम किताब तो,मैं पन्ना हूँ उस किताब का। तुम अनुक्रमाणिका तो,मैं मुद्दा हूँ उस अनुक्रमणिका का। तुम भूमिका तो,मैं भाव हूँ उस भूमिका का। तुम…

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यूरोपीय मीडिया ने दिया था ‘साइक्लानिक हिन्दू’ नाम

डॉ.अनुज प्रभातअररिया ( बिहार )**************************** सन् १८९३ में जब यूरोप, अमेरिका के लोग पराधीन भारत के लोगों को बहुत ही हीन दृष्टि से देखते थे, तब जापान, चीन, कनाडा की…

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