चलो मनाएं टीका-उत्सव

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** चलो मनाएं टीका-उत्सव,युद्ध-कोरोना लड़ना है।टीका लगाकर जीवन बचाएं,तभी कोरोना पिछड़ना है। मुँह मॉस्क और सोशल डिस्टेंस,साबुन से हाथ धो-धोकर।दो साल से युद्ध निरंतर,मजबूत इरादे हो-होकर।पलड़ा फिर भी उसका भारी,दांव को अब तो पलटना है।चलो मनाएं टीका-उत्सव,युद्ध कोरोना लड़ना है।टीका लगाकर जीवन बचाएं,तभी कोरोना पिछड़ना है…॥ लॉकडाउन,मजदूर पलायन,कई दुखों के … Read more

न जाओ पिया जी…

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** रचना शिल्प:मात्रा भार १६-१६ मुझे न जाओ छोड़ पिया जी,तार-तार कर तार प्यार के।अप्रतिम नेह दिया है प्रियतम,उर को तुम पर सदा वार के॥ तुझको पाकर मुझे मिला है,पल-पल ही ऋतुराज पिया जी।नद,निर्झर सब गान दे रहे,मेह छेड़ती साज हिया जी॥ कैसे जी लूँगी तुम बिन मैं,अपने मधुरिम सपन हार के।मुझे न … Read more

जल बचाओ-कल बचाओ

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़रदेवास (मध्यप्रदेश)****************************************** ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष… ‘जल बचाओ-कल बचाओ’समझो और समझाना है।ज़िन्दगी जीने के ख़ातिर,हमको जल बचाना है॥ जल से ही जीवन है अपना,जल से चलता है संसार।जीव-जंतु और खेती-बाड़ी,जल ही सबका है आधार।जल पर ही उद्योग हैं निर्भर,चलता कारखाना है।ज़िन्दगी जीने के ख़ातिर,हमको जल बचाना है।जल बचाओ… जल से जग … Read more

चूक ना जाएं ये रिश्ते ऋतुओं से

अनूप कुमार श्रीवास्तवइंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष… जहां तक हो जल,वहीं तक बादल है,वहीं पर जीवन हो,वहीं पर नवल है। बचाना है इक-इक बूँदें बरसाती,धरा गरमाई कबसे अब घायल है।बढ़ाना हर तरफ से यूँ हरियाली है,वही हो घर जहां पर बरगद-पीपल है॥ नदी कुओं झीलें तालाबें सब सूखी,पिघलना परबत शिखरों का भी … Read more

जीवन-जीत दिलाएगा ये

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* कोरोना से मत घबराओ,कोविड का टीका लगवाओ।जीवन सफल बनाएगा ये,मौत से हमें बचाएगा ये॥ रक्त शिराओं में बह कर ये,वादा अपना पूर्ण करेगा,इसको धारण करने वाला,कोरोना से नहीं मरेगा।चाहे कितनी लहरें आयें,टकराकर उल्टी फिर जायें,अपनी सारी शक्ति लगाकर,रक्षा कवच बनाएगा ये॥ अपने कुछ भाई सरहद पर,प्रहरी बनकर खड़े हुए हैं,दूजे भाई … Read more

विजय के गान हों…

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** एकता का सूत्र हो,तो विजय के गान हों।फिर जगत में पूजनीय,भारती की शान हो॥ एक मातु के हैं पूत,चाहे कोई धर्म हो।हित में भारती के ही,अपने सारे कर्म हों॥पथ प्रदर्शक थे सदा,फिर हमारा मान हो।एकता का सूत्र हो,तो विजय के गान हों…॥ दिखे जो हानि देश की,जागती हो वेदना।नित सुप्तता का नाश … Read more

चाहे जितने तीर चुभा रे…

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ मेरा दिल तूणीर पुराना,चाहे जितने तीर चुभा रे। एक तीर की पीड़ा ही तो,सहन न करता जग अलबेला।पर अनगिन तीरों की चोटें,सहता है तूणीर अकेला।बन जाये दिल तीर स्वयं ही,इतनी इसकी पीर बढ़ा रे…। पहले इन्हें संजो कर रख लूं,तू जो तीर चलाता मुझ पर।चला चुकेगा जब तू सारे,छोड़ूंगी मैं एक-एक कर।कहां छिपेगा … Read more

मैं तो भीगी पिया रंग में

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* पुलकित मेरे नैन सलोने,मन बिछा रंगोली रे।मैं तो भीगी पिया रंग में,खूब खेलूँ होली रे॥ मैं कुछ इतराऊँ बल खाऊँ,नैन जब टकराये जी,आएँ गुलाल मुख पर मलने,मन बहुत शर्माये जी।लगता जैसै सारी खुशियाँ,आज भरती झोली रे,पुलकित मेरे नैन सलोने,मन बिछा रंगोली रे…॥ इस होली की बात निराली,हृदय सुरभित लागे है,जहाँ भागते … Read more

होली आयी रे

ऋचा सिन्हानवी मुंबई(महाराष्ट्र)************************* फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… धूम मची चहुँओर देखो होली आयी रे।गगन में मची बधाई देखो होली आयी रे॥ अबीर गुलाल की थाली लेकर,सतरंगी फुहारें लेकरइन्द्रधनुष की धारें लेकर,खिलखिलाती मस्ती आयी रे।धूम मची चहुँ ओर देखो होली आयी रे…॥ सखियाँ सब मिल नाचे गावें,मल-मल सब पर रंग लगावेंबच्चे-बूढ़े सब मिल आवें,रंग … Read more

रंगों की महफ़िल सजायें…

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************* चलो रंगों की महफ़िल सजाएँ,आओ दिल से दिल मिलाएं। हैं बढ़े फासले दिल से दिल के,बिछड़ गए जो चले थे मिल केकुछ रूठ गए कुछ जुदा हो गए,स्मृतियों में दफ़न सदा हो गए।चलो आज उन्हें देकर आवाजें,हम अपने हृदय के पास बिठायें।चलो रंगों की महफ़िल सजायें… भूल जाओ जो तुमने … Read more