अनजानी ये रहगुजर
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** जिन्दगी ये मिली जिस्म भी मिला है सुहाना, बन जाए कब मिट्टी,इसका न ठिकाना। बनना ही है जब मिट्टी तो फिर क्यों न, खुश होकर जीना,प्रेम-प्यार से बिताना। जिन्दगी ये मिली… मंजिल तय है हर एक सफर की मगर, हर एक मुसाफिर,बेखबर है डगर से। कुदरत ने सबको … Read more