माँ का आँचल

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ********************************************************************** माँ जगत कल्याणकर्त्री,हे धरा,करुणामयी।प्रेममय आँचल तुम्हारा,तुम दया ममतामयी।हो जगत जननी चराचर,विश्व आँचल में लिये।सृष्टि के आरंभ में सह,ताप वायु व जल दियेll महापरिवर्तन धरा पर,ज्वालामय अंगार था।न थी सृष्टि न कोई प्राणी,न कोई आकार था।बस शून्य में विचरता,महाकाल विराट था।इसी धरती के ही आँचल,ने खिलाया फूल थाll महाकाश के बीच में,मार्तण्ड … Read more

‘कोरोना’ का प्रभाव

सुकमोती चौहान ‘रुचि’महासमुन्द (छत्तीसगढ़)*********************************************************************** दहशत-सा माहौल,बनाया यह कोरोना।जनजीवन है त्रस्त,रद्द कार्यक्रम होना॥गिरा हुआ व्यापार,छटपटाये पंसारी।सुनकर ये सब हाल,करें चर्चाएँ भारी॥ये नया वायरस है घुसा,वैज्ञानिक मजबूर है।इसका खोज रहे तोड़ वे,तनिक सफलता दूर है। माता-पिता अधीर,आज बेटी की शादी।दिखते न मेहमान,परेशान दिखे दादी॥अन्य कार्यक्रम रद्द,रद्द शादी हो कैसे ?आय नहीं वो लोग,जिन्हे देने थे पैसे॥चल दी … Read more

मोहन की छवि देख

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ******************************************************************** मोहन की छवि देख,राधिका सुध बुध खोई।सुन मुरली की तान,नही अपने बस होईllकृष्ण राधिका रूप,लगे सबको अति प्यारा।युगल रूपअभिराम,उसी पर सब कुछ वाराllमहिमा अद्भुत श्रीकृष्ण की,राधिका शक्तिरूप है।है भाग्यवान मानव वही,पाता यह स्वरूप हैll राधिका घनश्याम,छवि लगती अति न्यारी।मुरली बजाए श्याम,लगे सबको ये प्यारीllसब पाएं सुख चैन,देख के सूरत भोली।केवल उनके … Read more

छवि है उनकी न्यारी

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) *********************************************************************** कितनी सुंदर कितनी भोलीछवि है उनकी न्यारी।मनमोहन घनश्याम कृष्ण कीसूरत लगती प्यारी॥ मुरली की धुन सुनो श्याम कीकानों में रस घोले।राधा के संग रास रचायकेवल नयना बोले॥ राधाकृष्ण की छवि मनोहरदेख सभी हरषाए।रोम रोम हैं हर्षित सबकेश्याम देख मुस्काए॥ पावन छवि का वरण करें हमहिय में अति सुख पाएं।शुभकर्मों को करें … Read more

हल्दी घाटी

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* ‘महाराणा प्रताप और शौर्य’ स्पर्धा विशेष………. सदी सोल्हवीं मुगल काल में, अकबर का भारत पर राज। झुके बहुत राजे रजवाड़े, माना मुगल राज सरताजll आन मान मेवाड़ धरा का, गढ़ चित्तौड़ अनोखी शान। उदय सिंह मर्यादा पाले, बप्पा रावल वंश महानll स्वाभिमान मेवाड़ी अखरा, कुपित हुआ अकबर सुल्तान। पन्द्रह सौ अड़सठ … Read more

महाराणा प्रताप:मानवता रक्षक

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** ‘महाराणा प्रताप और शौर्य’ स्पर्धा विशेष………. माटी राजस्थान की,कुंभलगढ़ था स्थान। पिता उदयसिंह गेह में,जन्में वीर महान॥ जयवंता ममतामयी,माता की संतान। वीर पराक्रम के धनी,स्वाभिमान इंसान॥ मुगलों की आधीनता,उसको आय न रास। साहस शौर्य प्रधानता,स्वाभिमान थे पास॥ ‘कीका’ सम्बोधित करे,बचपन का था नाम। कुँवर वीर मेवाड़ के,अतुलित बल … Read more

महाराणा प्रताप इक अनमोल सितारा

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* ‘महाराणा प्रताप और शौर्य’ स्पर्धा विशेष………. वीर राजपूताने का वह इक अनमोल सितारा था। सिसोदिया कुल में जन्म लिया सबको प्राणों से प्यारा था॥ इस वीरप्रसविनी भूमि का वीर प्रताप मतवाला। घोड़ा था अद्भुत राणा का वायु से तीव्र गति वाला॥ मेवाड़ी आन के लिए ही समरांगण धूम मचाई। दुश्मन … Read more

माँ सृष्टा

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* माँ सृष्टा की अद्भुत रचना माँ सम कोई और नहीं। जन्नत है माँ के चरणों में, माँ के सिवाय ठौर नहीं॥ मिलती माँ से शक्ति हमें है, माँ कभी नही थकती है। बसता है परिवार अम्ब में माँ कभी नहीं रुकती है॥ माँ ही रामायण कुरान है, माँ ही भगवद्गीता … Read more

हार मत जाईये

अख्तर अली शाह `अनन्त` नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** `कोरोना` को हिम्मत से,अंगूठा दिखाना यदि, कसके कमर रखें,हार मत जाईये। आड़े हाथों लेना यदि,अपने विरोधियों को, पार कठिनाई पर,हँस कर पाईयेll गिरना है नजरों से,तुमको समाज की तो, झुंड बना-बना कर,खूब बतियाईये। दूसरे बीमार हैं तो,हम तो बीमार नहीं, ये `अनंत` सोच कर,खुशियां मनाईयेll