उदाहरण

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** वह हट्टा-कट्टा बॉडी बिल्डर-सा दिखने वाला आदमी चलती हुई बस में दो की सीट पर अकेला फैलकर ऐसे बैठा हुआ था,मानो पूरी बस का मालिक वही है! उसे देखकर पिछले स्टॉप पर चढ़ा हुआ एक दुबला-पतला किशोर वय का लड़का अपनी वैशाखी संभालते हुए आगे बढ़ा,और हिम्मत करके उस तगड़े … Read more

मनोकामना

मीरा जैनउज्जैन(मध्यप्रदेश) ********************************************************** चिराग को देखते ही गगन खुशी से उछल पड़ा-“ओ हो चिराग! क्या तुम अब भी रोज मंदिर आते हो ?”‘हाँ गगनl’“तुम्हारी तो सिर्फ एक ही मनोकामना थी,क्या वह अब तक पूरी नहीं हुईl मेरी तो कामना बहुत पहले ही फलीभूत हो गई,इसीलिए इधर आना कम हो गया हैl फिर व्यापार में समय … Read more

संगठन की शक्ति

दीपेश पालीवाल ‘गूगल’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************** प्राचीन समय की बात हैl एक जंगल में शेर-शेरनी रहते थे,उनके २ छोटे-छोटे बच्चे थे। यह चारों बड़े ही प्रेम से अपना जीवन जंगल के अन्य जानवरों के संग हँसी-खुशी व्यतीत कर रहे थे। जंगल में खुशहाली का माहौल था। सभी जानवर बड़े ही मज़े से रह रहे थे।कुछ … Read more

दु:ख का सैलाब

मीरा जैनउज्जैन(मध्यप्रदेश) ********************************************************** दोस्तों के बीच अर्पित को क्रोधित स्वर में सुनीति के लिए अनाप- शनाप बोलता देख सभी आश्चर्यचकित थे,आखिरकार सोमिल ने पूछ ही लिया-“क्या बात है यार! तुम तो हमेशा से सुनीति के बहुत बड़े प्रशंसक रहे होl उसके हर कार्य की तारीफ तुम्हारी आदत में शामिल हैl आज सुनीति ने ऐसी कौन-सी … Read more

खुशी का पैमाना

डॉ.पूर्णिमा मंडलोईइंदौर(मध्यप्रदेश) ***************************************************** शहर में ‘तालाबंदी’ हुई तो काम वाली बाईयों का आना भी बंद हो गया। फिर भी उनको उस समय के पैसे तो देने ही थे,इसलिए छाया अपने २ महीने के काम के पैसे लेने आई तो मैंने पूछा,-‘क्या हाल है छाया ?‘अच्छे हैं दीदी।’मैंने फिर पूछा,-‘कैसा चल रहा है ?’‘”सब अच्छा चल … Read more

सिपाही

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** “अनिल भाई,आजकल दिखते नहीं हो। कहां,बिजी रहते हो ?”“राकेश जी,नौकरी की ड्यूटी में लगा रहता हूँ।”“अरे,तो इसका मतलब,क्या हम नौकरी नहीं कर रहे ?”“ऐसी बात नहीं,आप भी कर रहे हैं,पर ऑफिस की बाबूगिरी और पुलिस के सिपाही की नौकरी में बहुत अंतर है ?”“क्या मतलब ?”“मतलब यह कि,इस समय हम … Read more

नया पकवान

डॉ.चंद्रेश कुमार छतलानी  उदयपुर (राजस्थान)  *********************************************************************** एक महान राजा के राज्य में एक भिखारीनुमा आदमी सड़क पर मरा पाया गया। बात राजा तक पहुंची तो उसने इस घटना को बहुत गम्भीर मानते हुए पूरी जांच कराए जाने का हुक्म दिया।सबसे बड़े मंत्री की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई,जिसने गहन जांच कर अपनी रिपोर्ट पेश … Read more

परीमाला के सपने

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)*********************************************************************** आज रविवार का दिन है और दिन के ११ बज रहे हैं। मैं गिन्नी के वीडियो कॉल का इंतजार कर रही हूँ। गिन्नी मेरी लड़की, जिसका नाम तो गीतिका है मगर प्यार से हम उसे ‘गिन्नी’ कह कर पुकारते हैं। वह बेंगलुरु में नौकरी करती है। उसकी शनिवार-रविवार की छुट्टी रहती है,तभी … Read more

नैसर्गिक न्याय

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)********************************************************************* घने पेड़ों के झरमुट में बसा हुआ अकीलपुर गाँव,अपनी शोभा,रहन-सहन में अकेला था। नदी किनारे बसा हुआ,हरे-भरे ब़ागों से घिरा हुआ,जरूरत पूरी करने के लिए बंसवाड़ी भी लगी हुई!लहलहाते खेतों की चादर बिछाए।‌जवान लोग तो कमाने दूर-दूर पंजाब, हरियाणा,दिल्ली,राजस्थान,मुंबई तो चेन्नई तक चले गये थे और जो बाहर जाने … Read more

सार्थकता

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)*********************************************************************** “इन्सान भी क्या खूब है ? दिन-रात तो ढेर सारे पाप करता है और सुबह गंगा में एक डुबकी लगाकर सारे पाप धो लेता है तथा पुण्य कमा लेता है,पर दादा! क्या सच में ऐसा होता है ?”“न न पगले! तू इंसान बनने की कोशिश ना कर,उसकी तरह ना सोच, ना देख,यही … Read more