अचानक ही बने थे इंदर गुजराल प्रधानमन्त्री

डॉ. वेदप्रताप वैदिक ********************************************************************* इंदर गुजराल आज जिंदा होते तो हम उनका सौंवा जन्मदिन मनाते। वे मेरे घनिष्ट मित्र थे। भारत के प्रधानमंत्री रहे,सूचना मंत्री रहे और मुझे याद पड़ता है कि वे दिल्ली की नगरपालिका के भी सदस्य रहे। उनसे मेरा परिचय अब से लगभग ५० साल पहले हुआ,जब वे इंदिराजी की सरकार में … Read more

शांति निकेतन

  डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** भाग-७…… बोलपुर में शांति निकेतन,विश्वभारती और सृजनी शिल्पग्राम के भ्रमण के बाद हमारा अगला लक्ष्य कंकालितला मंदिर के दर्शन का था…l माँ काली को समर्पित यह प्रसिद्ध मंदिर बोलपुर से करीब १० किमी की दूरी पर स्थित है…l पश्चिम बंगाल लोक कला और संस्कृति के साथ धार्मिक आस्था … Read more

अटूट विज्ञानी रहे आचार्य जगदीश चन्द्र बसु

गोपाल चन्द्र मुखर्जी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************************ भारत व विश्व के महान वैज्ञानिक, रेडियो के जनक तथा भौतिक शास्त्र,जीव विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, पुरातत्वविद,बहु शास्त्र में ज्ञानी,विज्ञान विषयक लेखक,सी.एस.आई, सी.आई.ई.एफ.आर.एस.भारत का पहला विज्ञानी जिनको अमेरिकन पेटेन्ट मिला। ‘नाइट’ उपाधि से सम्मानित,रायल सोसायटी लंदन के फैलो डॉ. जगदीश चन्द्र बसु को श्रद्धापूर्ण प्रणाम। अति साधारण प्रयोगशाला एवं अल्प … Read more

शांति निकेतन

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** भाग-६….. पश्चिम बंगाल लोक कला और संस्कृति के मामले में एक समृद्ध राज्य है…शांति निकेतन यात्रा संस्मरण की कड़ी में पश्चिम बंगाल के ‘बाउल संगीत’ का जिक्र भी जरूरी है…यह संगीत यहां की विरासत है…इस संगीत ने यहां के सांस्कृतिक जगत में बहुत कुछ जोड़ा है…। बाउल संगीत ऐसा … Read more

सुनहरे भविष्य के सपने

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. कालू की आँखों से आँसू बह रहे थे। वह सामने पड़े समाचार-पत्र के मुख्य पृष्ठ पर छपे समाचार को घूर रहा था,जिस पर विश्व बाल दिवस पर बच्चों के सुनहरे भविष्य का उल्लेख किया था। उसे देख अपने बाल्यकाल के गर्भ में … Read more

अच्छी सीख

प्रेरणा सेन्द्रे इंदौर(मध्यप्रदेश) ****************************************************** विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. दीवाली के आते ही चौदह साल का बेटा पटाखे के लिए जिद करता था। इस वर्ष भी वही हुआ पटाखे के लिए दीवाली की सुबह मैंने अपने घर के दरवाज़े पर एक गणेश जी की सीनरी टाँगी,जिसे मैंने पन्द्रह साल से संभालकर रखा था,कि नये घर … Read more

शांति निकेतन

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** भाग-४……… शांति निकेतन’ के अनुभव को यदि संक्षेप में बताना हो तो कह सकता हूँ कि वहां से लौटने के बाद व्यक्ति के अंदर एक लघु ‘शांति निकेतन’ का निर्माण हो जाता है..। ‘शांति निकेतन’ की स्मृति एक प्रेरणा स्रोत बन कर हमेशा नवनिर्माण के लिए प्रेरित करती रहती … Read more

डाकिया

वाणी बरठाकुर ‘विभा’ तेजपुर(असम) ************************************************************* निर्मला एकांत मन से ब्रीफकेस से निकली हुई चिट्ठी पढ़ रही है। “दादी…दादी,क्या पढ़ रहे हो ? मुझे भी दिखाइए!” सात वर्षीय पोते अभिज्ञान ने जिज्ञासा भरी नजरों से चिट्ठी देखकर निर्मला से पूछा। निर्मला ने जवाब दिया,”ये तेरे दादा जी की चिट्ठी थी। आज इस ब्रीफकेस में से निकली।” … Read more

चिंगु

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’ मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* दिवाली की छुट्टियाँ नजदीक आ रही थीं। बच्चों ने मनाली,शिमला,नैनीताल आदि घूमने की मांग पहले से ही रख दी थी। भला बच्चों को मना भी कैसे किया जाए। इसी बहाने घर से बाहर निकालना भी हो जाता है और बच्चों के साथ एक बार फिर बच्चा बन बचपन जी … Read more

कामचोरी

डॉ.शशि सिंघल दिल्ली(भारत) ********************************************************************************* नवम्बर का महीना था। ठंड ने अपने पाँव पसारने शुरू कर दिए थे। अभी कंपकंपाने वाली ठंड नहीं थी,मगर सूरज चाचू मद्धम-मद्धम तेज के साथ चल रहे थे। हल्की-हल्की गुलाबी ठंडक के चलते सूरज से सेंक लेना सुहाने लगा था। गली-मुहल्ले की महिलाएं अपने-अपने काम से निपटकर घर के बाहर बेड़े … Read more