कुल पृष्ठ दर्शन : 220

You are currently viewing राजस्थान के स्वर्णिम हस्ताक्षर महाराणा प्रताप

राजस्थान के स्वर्णिम हस्ताक्षर महाराणा प्रताप

राजबाला शर्मा ‘दीप’
अजमेर(राजस्थान)
*************************************************************************

‘महाराणा प्रताप और शौर्य’ स्पर्धा विशेष……….


राजस्थान के कण-कण में,
वीरों ने इतिहास रचा है।
सांगा,रावल,पृथ्वी,प्रताप ने,
इसी धरा पर जन्म लिया है।

राणा प्रताप हैं अजर-अमर,
मेवाड़ राज्य के हस्ताक्षर
अकबर के आगे झुके नहीं,
जंगल-जंगल भटके दर-दर।
आदर्शों की कठिन राह पर,
प्राणों का उत्सर्ग किया है।
सांगा,रावल,पृथ्वी,प्रताप ने,
इसी धरा पर जन्म लिया है…॥

शांति-संदेशों पर अकबर के,
नहीं दासता की स्वीकार
हल्दी घाटी का युद्ध हुआ,
अकबर जीता न,राणा की हार।
पहला स्वतंत्र सेनानी जो,
अपनी शर्तों पर ही जिया है।
सांगा,रावल,पृथ्वी,प्रताप ने,
इसी धरा पर जन्म लिया है…॥

मैं मर जाऊं मैं मिट जाऊं,
पर धरा शत्रु को ना दूंगा
मेवाड़ मेरा है,मेरा है,
सर‌ इसका झुकने ना दूंगा।
था प्रखर सूर्य मेवाड़ का,
जिसने आजादी का मंत्र दिया है।
सांगा, रावल, पृथ्वी,प्रताप ने,
इसी धरा पर जन्म लिया है…॥

इक्यासी किलो का भाला था,
बहत्तर किलो का बख्तरबंद
वो शेर लड़ा करता था,
दो सौ आठ किलो का पहन वजन।
साहस,स्वाभिमान,शौर्य का,
जिसने अमृत पिया है।
सांगा,रावल,पृथ्वी,प्रताप ने,
इसी धरा पर जन्म लिया है…॥

अकबर की विशाल सेना के,
जिसने छक्के छुड़ा दिए
छापामार युद्ध-प्रणाली से,
शत्रु-सिंहासन हिला दिए।
वीर जुझारू योद्धा जिसने,
दुश्मन से लोहा लिया है।
सांगा,रावल,पृथ्वी,प्रताप ने,
इसी धरा पर जन्म लिया है…॥

परिचय–राजबाला शर्मा का साहित्यिक उपनाम-दीप है। १४ सितम्बर १९५२ को भरतपुर (राज.)में जन्मीं राजबाला शर्मा का वर्तमान बसेरा अजमेर (राजस्थान)में है। स्थाई रुप से अजमेर निवासी दीप को भाषा ज्ञान-हिंदी एवं बृज का है। कार्यक्षेत्र-गृहिणी का है। इनकी लेखन विधा-कविता,कहानी, गज़ल है। माँ और इंतजार-साझा पुस्तक आपके खाते में है। लेखनी का उद्देश्य-जन जागरण तथा आत्मसंतुष्टि है। पसंदीदा हिन्दी लेखक-शरदचंद्र, प्रेमचंद्र और नागार्जुन हैं। आपके लिए प्रेरणा पुंज-विवेकानंद जी हैं। सबके लिए संदेश-‘सत्यमेव जयते’ का है।

Leave a Reply